रांची: इस्पात संयंत्रों और अन्य संबंधित क्षेत्रों में उत्पन्न विभिन्न अपशिष्टों के समुचित सदुपयोग और प्रबंधन के लिए शनिवार को रांची के आरडीसीआईएस, सेल और दुर्गापुर के सीएसआईआर-सीएमईआरआई बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर (एमओयू) किए गए।
यह समझौता ज्ञापन, इस्पात संयंत्र के अपशिष्टों जैसे बीएफ और बीओएफ स्लैग, फ्लाई ऐश आदि के लाभकारी और उचित उपयोग में मदद करेगा।
साथ ही यह प्रयोगशाला सुविधाओं को साझा करके और प्रासंगिक वैज्ञानिक निष्कर्षों के आदान-प्रदान से राष्ट्रीय स्टार पर नयी तकनीकों का ईजाद करेगा।
इस दौरान सीजीसीआरआई और सीएमईआरआई निदेशक डा एसके मिश्रा और आरडीसीआईएस ईडी एन. बनर्जी उपस्थित रहे।
बनर्जी ने समझौता ज्ञापन का समर्थन किया और कहा कि इससे भविष्य में संयुक्त अनुसंधान और विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में आरडीसीआईएस की ओर से संजय परिदा, सीजीएम (एएंडई) और नीता चक्रवर्ती, जीएम (पीसी) और सीएमईआरआई की ओर से डॉ अविक चटर्जी, मुख्य वैज्ञानिक, डॉ देबाशीष घोष, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, डॉ स्वपन बर्मन और डॉ, अमित गांगुली, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक ने भाग लिया।