रांची: कृषि बाजार (Agricultural Market) शुल्क के विरोध में झारखंड चैंबर ने बुधवार को राजभवन के समीप एक दिवसीय धरना दिया। इस दौरान व्यापारियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
मौके पर चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि इस कानून से महंगाई में इजाफा होगा। राज्य में खाद्य सामग्री अन्य राज्यों से आयातित होती है।
ऐसे में इन वस्तुओं पर शुल्क लगाने से हर वर्ग के लोग प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि जनहित को ध्यान में रखते हुए सरकार को इस कानून पर विचार करना चाहिये।
राज्य में अधिकांश भूमि पठारी और बंजर है
इस दौरान व्यापारियों ने कहा कि व्यापक खाद्य सुरक्षा कानून राज्य में लागू है लेकिन झारखंड में कृषि बाजार शुल्क और पशुपालन विपणन कानून बगैर किसी आंकलन के लागू कर दिया गया।
राज्य सरकार का तर्क है कि अन्य 13 राज्यों में ये कानून लागू है, जबकि उन राज्यों और झारखंड की भौगोलिक स्थिति में काफी अंतर है।
राज्य में सिंचाई योग्य भूमि 12.77 प्रतिशत है, जो अन्य राज्यों की तुलना में एक चौथाई भी नहीं है। राज्य में अधिकांश भूमि पठारी और बंजर है।
इस मौके पर राहुल मारु, अजय मिश्रा, सुरेन्द्र कुमार, विकास जयसवाल, हरेन्द्र सिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे।