मेदिनीनगर: झारखंड में पलामू जिले के मुरुमातु में अति दलित मुहसर जाति (Dalit muhsar caste) के कई लोगों के साथ मारपीट करने, उन्हें जबरन खदेड़ने और उनके मकान ध्वस्त करने के मामले में पुलिस ने नामजद तीन आरोपियों को बुधवार को गिरफ्तार (Arrest) कर किया।
अदालत ने आरोपियों को जेल भेज दिया है
पुलिस सूत्रों ने बताया कि फिलहाल इस मामले में जिन आरोपियों को जेल भेजा गया है, उनमें एक पंचायत प्रतिनिधि इसरार अंसारी, मुस्लिम समाज के सदर मुमताज अंसारी और सेवानिवृत्त स्वास्थ्यकर्मी रसूल अंसारी (Health worker Rasool Ansari) शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि उपायुक्त ए. दोड्डे घटनास्थल पर मामले की स्वयं छानबीन कर रहे हैं।
विश्रामपुर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुरजीत कुमार ने बताया कि तनाव को देखते हुए उक्त गांव के आसपास Curfew कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि पहाड़ी से खदेड़े गये परिवारों को पुराने थाना भवन में रखा गया है।
एक दर्जन नामजद एवं 150 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की
इस बीच, उपायुक्त दोड्डे ने संवाददाताओं को बताया कि पूरा मामला भूमि विवाद को लेकर है। उन्होंने कहा कि दलित परिवार के पास कोई दस्तावेज नहीं हैं और इन्हें अलग जगह पर सरकारी योजनाओं के तहत आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में पहल होगी।
उपायुक्त ने बताया कि मुस्लिम समुदाय ने कुछ कागजात प्रशासन (Paper administration) को उपलब्ध कराए हैं, जिनके परीक्षण के बाद ही तय होगा कि जमीन की प्रकृति क्या है?
एक सवाल के जवाब में दोड्डे ने बताया कि यह किसी भी दृष्टिकोण से सांप्रदायिक मामला नहीं है। दोड्डे ने बताया कि तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और बाकी को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है।
पलामू जिले के पाण्डु थानान्तर्गत मुरुमातु गांव के नजदीक टोंगरी पहाड़ी पर बसे मुसहर जाति के पचास से अधिक परिवारों को गांव के ही मुस्लिम युवकों ने सोमवार को कथित तौर पर मारपीट कर भगा दिया था और उनके मकानों को ध्वस्त कर दिया था।
इस घटना के सिलसिले में पुलिस ने एक दर्जन नामजद एवं 150 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज (FIR registered) की।