रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) राज्य के समृद्ध पर्यटन (Tourism) को बढ़ावा देने के लिए शनिवार को दिल्ली में झारखंड पर्यटन नीति 2021 (Jharkhand Tourism Policy 2021) का शुभारंभ करेंगे।
इसकी मेजबानी पर्यटन, कला-संस्कृति, खेल और युवा मामले विभाग, झारखंड सरकार, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) करेगा।
नीति के तहत वीकेंड गेटवे के साथ धार्मिक, इको, एडवेंचर, वेलनेस, रूरल और माइनिंग टूरिज्म (Religious, Eco, Adventure, Wellness, Rural and Mining Tourism) को बढ़ावा देने पर सरकार का ध्यान केन्द्रित होगा।
ऐसे में कहा जा सकता है कि झारखंड ने वास्तव में खुद को देश और विदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल करने की सुखद यात्रा शुरू कर दी है।
परंपरा, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज झारखंड
झारखंड प्रकृति की सुंदरता और प्रचुरता से संपन्न है। जंगल, हरियाली से सजे पहाड़, मंत्रमुग्ध करने वाले झरने, अक्षुण्ण परम्परा और संस्कृति से लेकर सुंदर और शांत पर्यटन स्थलों की बदौलत झारखण्ड पर्यटन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में सक्षम है।
इसलिए राज्य में पर्यटन के फलने-फूलने के लिए एक स्पष्ट नीति का निर्धारण समय की मांग थी। नई पर्यटन नीति 2021 (New Tourism Policy 2021) इस मांग की पूर्ति करता है।
New Tourism Policy और अर्थव्यवस्था को गति देते हुए पर्यटकों का प्रकृति के साथ अद्भुत और अविस्मरणीय मिलन का माध्यम भी साबित होगा।
पर्यटकों के सभी जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान
नीति के तहत सरकार का ध्यान पारसनाथ, मधुबन और इटखोरी को धार्मिक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने पर है। लातेहार-नेतरहाट-बेतला-चांडिल-दलमा-मिरचैया-गेतलसूद सर्किट जैसे इको-सर्किट का विकास कर राज्य में इको-टूरिज्म की अपार संभावनाओं को तलाशा जायेगा।
विभिन्न मेलों, त्योहारों, सांस्कृतिक और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देकर राज्य की समृद्ध परम्परा और सांस्कृतिक विरासत से पर्यटकों को रूबरू कराने का अवसर देने का प्रयास नीति के माध्यम से किया जायेगा ।
इस नीति में पैराग्लाइडिंग, वाटर स्पोर्ट्स, रॉक क्लाइम्बिंग, मोटर ग्लाइडिंग जैसी साहसिक गतिविधियों की श्रृंखला भी शामिल है। बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से सटे होने के कारण झारखण्ड को भौगोलिक लाभ भी प्राप्त होगा और इस तरह वीकेंड गेटवे की तलाश करने वालों के लिए झारखंड एक आदर्श स्थल के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर सकता है।
नीति का एक अनूठा पहलू खनन पर्यटन को बढ़ावा देना भी है। नीति के तहत चिह्नित सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सरकार झारखंड पर्यटन विकास निगम के आधुनिकीकरण की योजना बना रही है। इसके अलावा मौजूदा पर्यटक सूचना केंद्रों के उन्नयन पर जोर दिया जाएगा, जो पर्यटकों की सभी जरूरतों को पूरा करेगा।
निवेश आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन
नई पर्यटन नीति निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रोत्साहन और सब्सिडी प्रदान करती है। सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से लाइसेंस, प्रोत्साहन और सब्सिडी के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली के साथ पूरी प्रक्रिया परेशानी मुक्त हो जाएगी।
बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर (BOT), BOOT (बिल्ट ऑन ऑपरेट ट्रांसफर), BLT (बिल्ट लीज ट्रांसफर) के जरिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बीच एक रचनात्मक और पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी का प्रस्ताव किया गया है।
विदेशी कॉर्पोरेट निकायों (OCB) और NRI के व्यवहार्य द्वारा विदेशी निवेश और तकनीकी सहयोग करने की प्रक्रियाओं को भी अपनाया गया है।
नई पर्यटन इकाइयों को सहायता प्रदान करने के लिए उन्हें पूंजी निवेश में प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार पर्यटकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पर्यटक सुरक्षा बल (Tourist Protection Force), 24 घंटे की पर्यटक हेल्पलाइन (Helpline) और केंद्रीय नियंत्रण कक्ष की स्थापना सुनिश्चित कर रही है।
झारखंड के पर्यटन (Tourism) को प्रतिभाशाली और मेहनतकश ग्रामीण आबादी के सहयोग से विकसित किया जाएगा। इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि रोजगार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर भी सृजित होंगे।