रांची: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के ठीक पहले नक्सलियों के हमले (Maoist attacks) में दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं।
शहीदों में सबइंस्पेक्टर अमित तिवारी और कांस्टेबल गौतम राणा (Amit Tiwari and Constable Gautam Rana) शामिल हैं।
14-15 अगस्त की दरमियानी रात लगभग 12.30 बजे टोंटो थाना क्षेत्र अंतर्गत तुम्बाहाका जंगली क्षेत्र में झारखंड पुलिस के कैंप के पास नक्सलियों ने घात लगाकर अचानक गोलीबारी कर दी।
विशेष बल झारखंड जगुआर के कैंप स्थापित किए गए
बताया गया कि हमले के पीछे एक करोड़ के इनामी माओवादी कमांडर मिसिर बेसरा के दस्ते का हाथ है। चार दिनों के भीतर पुलिस पर नक्सलियों का यह दूसरा हमला है।
11 अगस्त को भी इसी थाना क्षेत्र में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया था, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया था।
हालांकि इस हमले के बाद CRPF और झारखंड पुलिस ने अभियान चलाकर नक्सलियों के बंकर ध्वस्त कर दिए थे।
नक्सल प्रभावित तुम्बाहाका जंगल में CRPF और झारखंड सशस्त्र पुलिस के विशेष बल झारखंड जगुआर के कैंप स्थापित किए गए हैं।
दो जवानों को गोली लगी और वे शहीद हो गए
बीती रात CRPF और झारखंड जगुआर के जवान एक कैंप से दूसरे कैंप में खाना भेज रहे थे, तभी रास्ते में घात लगाए नक्सलियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इसमें दो जवानों को गोली लगी और वे शहीद हो गए।
पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की, लेकिन नक्सली घने जंगल का लाभ उठाकर भागने में सफल रहे। शहीद अमित तिवारी पलामू के रहने वाले हैं।
बताया जाता है कि वह तीन दिन पहले ही एक बेटे के पिता बने हैं। वह अभियान खत्म कर अपने घर लौटने वाले थे, लेकिन इसके पहले ही शहीद हो गए।
परिजनों को शहादत की जानकारी दे दी गई
दूसरे शहीद गौतम कुमार राणा (Gautam Kumar Rana) अपने पिता के आकस्मिक निधन के बाद अनुकंपा के आधार पर पुलिस की सेवा में बहाल हुए थे।
दोनों के परिजनों को शहादत की जानकारी दे दी गई है। इस घटना के बारे में फिलहाल झारखंड पुलिस का आधिकारिक तौर पर कोई बयान सामने नहीं आया है।