रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र (Monsoon Session) के तीसरे दिन मंगलवार को BJP विधायक विरंची नारायण (Viranchi Narayan) ने सरकार से पूछा कि सरकारी विभागों में 3.50 लाख पद खाली हैं।
पांच Lakh 33 हजार 737 स्वीकृत पद हैं। इन पदों के विरुद्ध मात्र एक Lakh 83 हजार 016 पदों पर ही लोग कार्यरत हैं। शेष 3,50,721 पद खाली हैं?
सरकार (Government) ने इसे आंशिक स्वीकारात्मक माना। साथ ही कहा कि विभिन्न विभागों, कार्यालयों में विभिन्न सेवा, संवर्गों के सभी स्वीकृत, कार्यरत, रिक्त पदों की अद्यतन विवरणी उपलब्ध कराने का अनुरोध सभी विभाग, सभी प्रमंडलीय आयुक्त (Divisional Commissioner), सभी DC से कहा गया है।
बल एवं संसाधन के माध्यम से आमजनों की समस्याओं का निष्पादन किया जाता है
MLA बिरंची ने जानना चाहा कि 2021 को नियोजन वर्ष घोषित कर दिया गया पर बावजूद इसके सरकार रिक्त पदों के विरुद्ध नियुक्तियां करने में असफल रही।
इन्हीं कारणों से सभी विभागों में मैनपावर की भारी कमी है और समय पर कार्यों का निष्पादन नहीं हो पा रहा है? Government ने इसे स्वीकार नहीं किया।
उन्होंने कहा कि उपलब्ध बल एवं संसाधन के माध्यम से आमजनों की समस्याओं का निष्पादन किया जाता है।
14226 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना प्राप्त
राज्य सरकार के मुताबिक झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) परीक्षा संचालन (संशोधन) नियमावलियों के आलोक में राज्य सरकार अंतर्गत विभिन्न विभागों से कुल 14226 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना प्राप्त हुई है।
इसे JSSC को भेज दिया गया है। आयोग द्वारा कुल 6953 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के आयोजन के निमित्त कुल 16 विज्ञापन (AD) प्रकाशित किये गये हैं।
State सरकार अंतर्गत विभिन्न विभागों से कुल 183 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए प्राप्त अधियाचना JSSC को भेज दी गयी है।
संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा 2021 के माध्यम से 252 अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है।
State विधि विज्ञान प्रयोगशाला, Jharkhand में सहायक निदेशक, वरीय वैज्ञानिक पदाधिकारी के विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए परीक्षा के माध्यम से 37 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जा चुकी है।
बिरंची नारायण Government के जवाब से नाखुश होते हुए कहते हैं कि Jharkhand के सरकारी विभागों में साढ़े तीन Lakh से भी ज्यादा पद रिक्त हैं लेकिन रोजगार (Employment) के नाम पर बनी सरकार ने बेरोजगारों के साथ छल किया। विधानसभा में पूछे गए सवाल का गोलमटोल जवाब सरकार में इच्छाशक्ति की कमी बताता है।