रांची: JMM के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य (Supriyo Bhattacharya) ने कहा कि उनकी पार्टी और उनके लोग किसी की घुड़की से डरनेवाले नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि खनिज हमारा, ताकत हमारी और राजनीतिक फुटानी वे किसी की बर्दाश्त नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि JMM जानती है कि राजनीतिक मुकाबला कैसे किया जाता है, बहुत दिनों से जो साजिश चली आ रही थी, वो साजिश अब खुलकर सामने आ गई है।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने बुधवार को यहां प्रेस वार्ता कर भाजपा, केंद्र सरकार, राज्यपाल और ED के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।
भट्टाचार्य ने कहा कि केन्द्र सरकार की ब्लैक एंड व्हाइट मंशा (Black And White Intent) से हेमंत सोरेन डरनेवाले नहीं है। यह अब लड़ाई का रूप ले चुकी है। हम लम्बे संघर्ष के लिए तैयार हैं।
राज्यपाल ने कहा कि अभी वे सेकेंड ओपिनियन ले रहे हैं
भाजपाइयों को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि वे भी इसके लिए तैयार रहे, सदन से लेकर सड़क तक उन्हें झामुमो कार्यकर्ता (JMM worker) नजर आयेंगे। भाजपा को बहुत जल्द समझ में आ जाएगा कि अबकी बार उनलोगों ने गलत नंबर डायल कर दिया है।
सुप्रियो ने कहा कि 2019 में राज्य की जनता ने हेमन्त सोरेन (Hemant Soren) को जनादेश दिया है। इसे प्रभावित किया जा रहा है। इस काम में ईडी को लगाया गया है।
ED का नया रूप देखने को मिल रहा है। एक चुनी गई लोकतांत्रिक सरकार को कैसे प्रभावित किया जाये, कैसे उसे सत्ताच्युत किया जाय, इसकी नींव 2020 में डाली गई।
चूंकि 2020 और 2021 कोरोना का साल रहा, लोग सांसों के लिए तरसते रहे, केन्द्र सरकार (Central Government) ने लोगों की सांसे छिनने के साथ साथ रोजगार भी छीना और जब फुर्सत मिल गया, तो पूरे राष्ट्रीय स्तर पर राज्यों में चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का काम शुरु किया, जिसमें इस राज्य की हेमन्त सरकार भी शामिल है।
सुप्रियो ने कहा कि मनरेगा घोटाले की जांच जो सीबीआई कर रही थी, उसको ईडी ने टेकऑफ किया और वो जांच ईडी का गठन का उद्देश्य था, जो इकोनामिक आफेन्स हैं वो न करके माइनिंग लीज पर आ गया। यह अजीब विडम्बना है।
सुप्रियो ने राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) पर राज्य सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि रांची से दूर और नागपुर से नजदीक रायपुर में बैठकर राज्यपाल ने कहा कि अभी वे सेकेंड ओपिनियन ले रहे हैं।
राज्यपाल का यह कहना कि एटम बम फूटेगा, इसका अभिप्राय क्या है
हमलोग इतने मूर्ख नहीं है, जानते कि सेकेंड ओपिनयन भी आयेगा तो क्या आएगा. क्या कोई वकील और डाक्टर सेकेंड ओपिनियन में अपने मंतव्य को बदल देता है।
उन्होंने कहा कि शुरू से ही हेमन्त सरकार (Hemant Sarkar) को डिस्टर्ब करने में केन्द्र और भाजपा के लोग लगे हैं। राष्ट्रीय मीडिया के माध्यम से एक माहौल तैयार करवाया गया कि मुख्यमंत्री बर्खास्त किये जा सकते हैं, सदस्यता रद्द की जा सकती है।
सरकार कभी भी गिर सकती है और जब उसमें ये सफल नहीं हुए तो राज्यपाल का अब नया स्टैंड सामने आ गया कि वे सेकेंड ओपिनियन ले रहे हैं। राज्यपाल का यह कहना कि एटम बम (Atom Bomb) फूटेगा, इसका अभिप्राय क्या है? क्या वे बतायेंगे कि एटम बम क्या होता है?