रांची: पिठौरिया कांके स्थित नवा टोली प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय (Nav Jyoti Bhawan) प्रेक्षागृह में मंगलवार को करमा महोत्सव (Karma Festival) धूम धाम से मनाया गया।
इस अवसर पर आश्रम के भक्तों ने मांडर की थाप और करमा के गानों ने उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।
मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की संचालिका बीके राजमती बहन, विशिष्ठ अतिथि के रूप में भारतीय जनता युवा मोर्चा कला एवं खेल प्रकोष्ठ रांची महानगर के संयोजक आशुतोष द्विवेदी, हरी नाथ साहू, सुषमा देवी, मुन्नी मुंडा मौजूद थे।
मौके पर बीके राजमती बहन ने कहा कि आदिवासी समाज (Tribal society) ने सभी समाज को कला , संस्कृति, भाषा, परंपरा, और प्रकृति की रक्षा करने को लेकर जागरूक किया है।
आदिवासी समाज प्रकृति का पूरक रहा
यह समाज अपनी संस्कृति और पूर्वजों (Culture and Ancestors) की धरोहर को बचाए रखने में भी सफल रहा है।आदिवासी समाज हमेशा अपनी संस्कृति में जीता है।
आधुनिक चका चौंध में भी यह समाज अपनी मूल मंत्र और संस्कृति को नहीं भूलता है।आदिवासी समाज प्रकृति का पूरक रहा है। जल,जंगल, जमीन और अपनी संस्कृति को बचाने के लिए भी यह समाज कृतज्ञ (Socially grateful) रहा है।