खूंटी: जिले में कार्यरत दो शिक्षिकाओं का स्थानीय प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। इसके आलोक में दोनों शिक्षिकाओं की नियुक्ति रद्दकर दी गयी है।
इस संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक डॉ महेंद्र पांडेय ने बताया कि जिन शिक्षिकाओं का प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है, उनमें उत्क्रमित उच्च विद्यालय कालामाटी की शिक्षिका संगीता तिवारी और और एसएस उच्च विद्यालय की चंदा कुमारी शामिल हैं।
संगीता तिवारी 2016 से और चंदा कुुमारी 2019 से खूंटी जिले में कार्यरत थी।
नियुक्ति पत्र की कंडिका 13 में यह अंकित है कि सत्यापन के क्रम में फर्जी या अवैद्य प्रमाण पत्र पाये जाने पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी और नियुक्ति रद्द कर दी जायेगी।
बता दें कि नियुक्ति रद्द करने का फैसला जिला स्थापना समिति की बैठक में लिया गया है। दोनों की नियुक्ति उनके सेवा पत्र जारी होने की तिथि से ही रद्द की गई है।
दोनों के स्थानीय प्रमाण पत्र को रद्द किया गया
अनुमण्डल पदाधिकारी सह अनुमण्डल दण्डाधिकारी खूंटी के जांच प्रतिवेदन में संगीता तिवारी पति मनोज शुक्ल, ग्राम मैपा, पंचायत सरगेया प्रखण्ड अड़की जिला खूंटी को निर्गत स्थानीय प्रमाण पत्र और श्रीमती चन्दा कुमारी पति गिरीश चन्द्र झा ग्राम कोटा पंचायत सरगेया प्रखण्ड अड़की जिला खूंटी का स्थानीय प्रमाण पत्र को रद्द किया गया है।
कंडिका 03 एवं 04 पर उल्लेखित शर्तों के आधार पर 13 अप्रैल को उपायुक्त सह अध्यक्ष जिला माध्यमिक शिक्षा स्थापना समिति के सर्वसम्मत निर्णय के आधार पर संस्कृत शिक्षिका श्रीमती संगीता तिवारी उत्क्रमित उच्च विद्यालय कालामाटी खूंटी और चन्दा कुमारी एसएसउच्च विद्यालय खूंटी का सेवापत्र निर्गत की तिथि से नियुक्ति रदद की गयी है।
यहां बताए चलें कि झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा अर्हता प्राप्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक (सीधी भर्ती) की सूची क्रमांक 2 मेरिट नंबर 02 पर संगीता तिवारी को उत्क्रमित उच्च विद्यालय कालामाटी एवं क्रमांक 3, मेरिट नं. 03 चन्दा कुमारी को एसएस उच्च विद्यालय, खूंटी के लिए संस्कृत विषय में चयनित किया गया था।
खूंटी में फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी करने का मामला काफी चर्चा में आया था। विधानसभा में भी इस मामले में आवाज उठाई गई थी।