पटना/गोपालगंज: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद(RJD supremo Lalu Prasad) के करीबियों के यहां केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) की छापेमारी के बाद कई नये तथ्य सामने आये हैं।
सीबीआई ने गोपालगंज में जो पांच घंटे की छापेमारी की उसमें रेलवे कर्मी और लालू प्रसाद के रिश्तेदार हृदयानंद यादव से जुड़े दस्तावेज, बैंक पासबुक समेत जमीन के कई कागजात मिले, जिससे आरआरबी में फर्जीवाड़े का राज खुल सकता है।
सीबीआई की पूछताछ में हृदयानंद यादव के बड़े भाई देवेंद्र यादव ने दलील दिया कि लालू प्रसाद की चौथे नंबर की बेटी हेमा यादव को भावनात्मक बहन मानते हैं।
इसलिए हृदयानंद यादव ने जमीन गिफ्ट किया है। हेमा यादव को गिफ्ट में दिया गया प्रॉपर्टी कहां की है, कितनी की है। कैसे हृदयानंद के पास इतनी प्रॉपर्टी पहुंची, इन तमाम बिंदु पर जांच की। परिवार के सदस्यों से सीबीआई ने पूछताछ किया।
ईटवा गांव में छापेमारी के बाद FIR दर्ज
ईटवा गांव में छापेमारी के बाद देर शाम सीबीआई ने FIR दर्ज कराया, जिसमें हेमा यादव को भी अभियुक्त बनाया है। हृदयानंद यादव के परिवार की सदस्य कांति देवी ने कहा कि सीबीआई ने महिलाओं से कोई भी जानकारी नहीं ली है।
घर के पुरुष सदस्यों से पूछताछ की गयी है और कुछ कागजात साथ में लेकर गयी है।देवेंद्र यादव ने बातचीत में बताया कि लालू यादव की चौथी बेटी को मेरे भाई हृदयनांद यादव बहन मानते हैं।
जो जमीन उनको दी गई है वह एक भाई के द्वारा बहन को दी गई है। उन्होंने कहा कि मेरे घर पर सीबीआई की टीम ने करीब दो घंटे तक छापेमारी की थी। स्थानीय पुलिस के जरिए यह छापेमारी की गई थी।
बताया गया है कि लालू प्रसाद केंद्र सरकार में जब रेल मंत्री थे, तब गोपालगंज के उनके करीबी और रिश्तेदारों को रेलवे में नौकरी मिली। इनमें एक हृदयानंद यादव अभी भी रेलवे में नौकरी करते हैं।
इनके अलावा कई और लोग हैं, जिन्हें चिन्हित किया गया है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से इन परिवारों का क्या रिश्ता रहा है, इस मामले में भी CBI ने जानकारी ली है।