नई दिल्ली:राजद्रोह कानून के उपयोग पर सुप्रीम कोर्ट( Supreme court )की ओर से रोक लगाने के बाद राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम(P Chidambaram )ने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Law Minister Kiren Rijiju )के उस बयान पर आपत्ति जताई है जिसमें उन्होंने कहा था कि हम कोर्ट और इसकी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं लेकिन एक लक्ष्मण रेखा (लाइन) है, जिसका सभी को अक्षरश: सम्मान करना चाहिए।
पी चिदंबरम ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि केन्द्रीय मंत्री रिजिजू के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है कि वह अपने अनुसार मनमाने ढंग से कोई रेखा खींच सकें।
राजद्रोह कानून संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 का उल्लंघन करता है
उन्होंने कहा कि देश के कानून मंत्री को संविधान के अनुच्छेद 13 को जरूर पढ़ना चाहिए। चिदंबरम ने कहा कि कई विद्वानों का मानना है कि राजद्रोह कानून संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 का उल्लंघन करता है।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर केन्द्र सरकार को पुन: विचार करने को कहा है। कोर्ट से साफ कहा है जब तक इस कानून पर पुनर्विचार नहीं होता तब तक केन्द्र और राज्य सरकार इस कानून के तहत मामले नहीं दर्ज कर सकते हैं।
जिन लोगों पर इस धारा के तहत कार्रवाई हुई है वह जमानत के लिए कोर्ट जा सकते हैं।कोर्ट के इस कदम का कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी स्वागत किया है।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि सच बोलना देश भक्ति है। देश द्रोह नहीं है। सच कहना देश प्रेम है यह देश द्रोह नहीं है। उन्होंने कहा कि सच को कुचलना राज हठ है।