रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के न्यायमूर्ति संजय प्रसाद की कोर्ट में सोमवार को बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो (MLA Dhullu Mahato) के निर्वाचन को चुनौती देनेवाली जलेश्वर महतो की चुनाव याचिका पर सुनवाई हुई।
मामले में ढुल्लू महतो (Dhullu Mahto) की ओर से आठ गवाहों की सूची दी गई। इन गवाहों में रिटर्निंग ऑफिसर, असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर भी शामिल हैं।
याचिका में कहा गया…
ढुल्लू महतो की ओर से एक शपथ पत्र दाखिल करके बताया गया कि वे विधायक हैं और जनता के काम का काफी लोड (Load) रहता है।
ऐसे में बाकी सारे गवाहों की गवाही पूरी होने के बाद में अपनी गवाही देंगे। मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी। जलेश्वर महतो की ओर से अधिवक्ता अरविंद कुमार लाल (Arvind Kumar Lal) ने पैरवी की।
उल्लेखनीय है कि जलेश्वर महतो की ओर से गवाही बंद हो चुकी है। जलेश्वर महतो ने ढुल्लू महतो के निर्वाचन को रद्द करने का आग्रह किया है।
याचिका में कहा गया है कि जिस समय ढुल्लू महतो ने अपना नामांकन जमा किया था उस समय वे डिसक्वालिफाइड थे, क्योंकि उनको अलग-अलग धाराओं में सजा हुई थी, वह कुल मिलाकर दो साल से ज्यादा का समय हो जाता है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के एक फैसले को आधार बनाते हुए कहा गया है कि ढुल्लू महतो का नामांकन रद्द होना चाहिए।
अगर पुनर्मतदान होता है तो जलेश्वर महतो की होगी जीत
रिटर्निंग ऑफिसर को उसी समय ढुल्लू महतो का नामांकन कर रद्द कर देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने नहीं किया।
याचिका में यह भी कहा गया था, बहुत से बूथ जैसे बूथ नंबर 266 में 600-700 वोट पड़े थे, लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर ने उसे जीरो दिखाया था।
प्रार्थी जलेश्वर महतो की ओर से कहा गया है कि वे बहुत कम मतों के अंतर से हारे हैं, इसलिए ढुल्लू महतो के निर्वाचन को रद्द कर कुछ बूथों पर पुनर्मतदान कराया जाये। अगर पुनर्मतदान होता है तो जलेश्वर महतो (Jaleshwar Mahato) की जीत होगी।