मुंबई: महाराष्ट्र राजनीतिक संकट चौथे दिन भी जारी रहा। बागी मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने विधानसभा स्पीकर नरहरि जिरवाल को अपने 37 विधायकों की लिस्ट सौंपी है।
गुरुवार को देर से सौंपी गई लिस्ट में दो प्रस्तावों को भी जोड़ा गया है, जिसमें कहा गया है कि शिंदे शिवसेना विधायक दल के प्रमुख बने रहेंगे और विधायक भरत गोगावले को नया मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है।
शिंदे ने शुक्रवार (24 जून) को 40 विधायकों और एक दर्जन निर्दलीय और छोटे दलों के समर्थन का दावा किया।
शिवसेना (Shiv Sena) ने डिप्टी स्पीकर को पत्र लिखकर विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।
पार्टी और विधायकों के बीच दरारें तब और गहरी हो गई, जब शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे को चीफ व्हिप पद से पार्टी ने हटा दिया और उनकी जगह पर अजय चौधरी को नया चीफ व्हिप बनाया गया।
जो चले गए हैं उन्हें पछताना होगा
शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि अब 12 विधायकों को अयोग्य ठहराने की डिप्टी स्पीकर जिरवाल (jirwal) की याचिका के साथ कानूनी लड़ाई शुरू हो गई है, क्योंकि लोकतंत्र बहुमत के आंकड़ों पर चलता है जो कभी भी बदल सकता है।
राउत (Raut) ने आगाह किया, अब तक, बागियों द्वारा किया जा रहा दावा सिर्फ कागजों पर है। वे अभी तक मुंबई नहीं आए हैं और उनके लौटने के बाद संख्या बदल जाएगी। जो चले गए हैं उन्हें पछताना होगा।
शिवसेना के 40 से ज्यादा विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए एकनाथ शिंदे ने अयोग्य की मांग को लेकर कहा, हम इस तरह की धमकियों से डरते नहीं हैं, हम जो कुछ भी कर रहे हैं वह बिल्कुल कानूनी है।
हमारे पास सभी विधायकों (legislators) के हलफनामे हैं कि वे स्वेच्छा से हमारे साथ शामिल हुए हैं। बहुमत संख्या हमारे पास है। 40 से अधिक शिवसेना विधायक और 12 निर्दलीय और अन्य का हमें सर्मथन प्राप्त है।