डिजिटल डेस्क: देश भर में अवसाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए मोटिवेशनल स्पीकर के क्षेत्र में भी आप कैरियर बना सकते हैं। आजकल 22 से 25 साल के उम्र के लोग भी अवसाद के शिकार हो जाते है। जिस तरह अवसाद तेजी से बढ़ रहा है, उसी के साथ मोटिवेशनल स्पीकर की मांग भी बाजार में बढ़ती जा रही है।
अगर आप अपनी बातों से लोगों को प्रेरित कर सकते हैं तो आप आपमें मोटिवेशनल स्पीकर बनने की क्षमता है।
मोटिवेशनल स्पीकर्स कुछ भी शुरू करने से पहले लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। इसके बाद ही वे उन्हें प्रेरित करने की शुरुआत करते हैं।
इसके लिए आपको अच्छे-खासे होमवर्क की जरूरत पड़ती है।
प्रेरित करते हुए महान लोगों की बातों के उदाहरण के साथ प्रस्तुतीकरण से कही हुई बात को समझाना पड़ता है।
ये एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें आप लोगों से बात करके अच्छी कमाई कर सकते हैं।
यह एक संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण करियर है।
इस क्षेत्र में आपकी सफलता या असफलता उन दर्शकों पर निर्भर करती है, जिसे आप प्रेरित कर रहे हैं। यदि आप लोगों में बातों से जोश भर देते हैं तो यकीन मानें आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
इस क्षेत्र के लिए विषय का विस्तृत ज्ञान होना बहुत जरूरी है। इसके लिए फिलॉस्फी से लेकर लिटरेचर तक हर तरह की किताबें पढ़नी चाहिए। ताजा मामलों से भी अपने को अपडेट रखना चाहिए।
कोर्सेज
कुछ प्रबंधन स्कूलों में स्पीकिंग पावर पर काम करवाया जाता है। इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि आप मोटिवेशनल स्पीकर बनने के लिए मैनेजमेंट कोर्स ही करें। इस करियर की जरूरत को ध्यान में रखते हुए मजबूत इच्छाशक्ति और सकारात्मक सोच बनाएं रखें।
कमाई
मोटिवेशनल स्पीकर की आमदनी कम से कम 40-50 हजार से शुरू होकर लाखों में होती है। यदि किसी स्पीकर की कोई किताब नाम कमा लेती है अथवा वह अपने दम पर कोई बड़ा काम कर जाता है तो इसकी मांग और बढ़ जाती है।
अवसर
आजकल बहुत सी कंपनियां, एजेंसियां, एनजीओ, मैनेजमेंट सहित अन्य दूसरे स्कूल-कॉलेज मोटिवेशनल स्पीकर को नियुक्त करने लगे हैं। इसके अलावा कुछ खास कार्यक्रमों में भी मोटिवेशनल स्पीकर्स को आंमत्रित किया जाता है।
प्रमुख संस्थान
फोर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट
बी-18, कुतुब इंडस्ट्रियल एरिया, नई दिल्ली
टाई हॉवर्ड मोटिवेशनल स्पीकर ट्रेनिंग स्कूल