पटना: कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस महीने के अंत में शुरू होने वाली राज्यव्यापी यात्रा के तहत बिहार (Bihar) का दौरा करेंगे।
पार्टी (Party) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
यात्रा के पटना पहुंचने पर एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (BPCC) प्रमुख नियुक्त किये जाने के बाद राज्यसभा सदस्य (Rajya Sabha Member) अखिलेश प्रसाद सिंह (Akhilesh Prasad Singh) ने अपने पहले संवाददाता (Reporter) सम्मेलन में कहा कि खरगे ने बांका में रैली (Rally) को संबोधित करने का न्योता स्वीकार कर लिया है, जहां से 28 दिसंबर को राज्यव्यापी यात्रा की शुरूआत होगी।
सिंह ने कहा, ‘‘यात्रा के पटना पहुंचने पर एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी, जिसे सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) या प्रियंका गांधी वाद्रा (Priyanka Gandhi Vadra) संबोधित करेंगी।
हालांकि, यह उनके उपलब्ध रहने पर निर्भर करेगा।’’ उन्होंने कहा कि राहुल गांधी निश्चित रूप से गया की जनसभा में मौजूद रहेंगे, जहां यात्रा के संपन्न होने का कार्यक्रम है।
उल्लेखनीय है कि उस वक्त भी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भारत जोड़ो यात्रा पर होंगे।
हालांकि, भारत जोड़ो यात्रा की आधिकारिक वेबसाइट (Website) के अनुसार, 3,500 किमी लंबी पदयात्रा 21 जनवरी को पठानकोट (Jammu and Kashmir) में संपन्न होगी। वहीं, मीडिया (Media) के एक वर्ग की खबरों अनुसार यह गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर दिल्ली में संपन्न होगी।
बिहार में यात्रा 1,000 किमी से अधिक दूरी तय करेगी और यह राज्य के सभी 38 जिलों से होकर गुजरेगी।
कांग्रेस (Congress) की बिहार (Bihar) इकाई के नये प्रमुख ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) नीत सरकार के मंत्रिमंडल (Cabinet) में सिर्फ एक पद मिलने से संतुष्ट नहीं है तथा वह और भी मंत्री पद के लिए शीघ्र ही दबाव बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ महागठबंधन (Grand Alliance) में एक ‘‘समन्वय समिति’’ बनाने की भी जरूरत है और दावा किया कि ‘‘यदि हम कुढ़नी विधानसभा सीट (Assembly Seat) पर उपचुनाव (By-election) नहीं हारते तो सहयोगी दलों के बीच बेहतर समन्वय रहता।’’
सिंह ने एक प्रश्न का जवाब नहीं दिया
उन्होंने कहा, ‘‘जब हम समन्वय समिति की मांग करते हैं तो हम बिहार में महागठबंधन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री (Nitish) के विवेक को चुनौती नहीं दे रहे होते हैं।
हम सिर्फ उनकी उस पहल की ओर इशारा कर रहे हैं, जो उन्होंने 2015 में महागठबंधन (Grand Alliance) बनने के बाद की थी और वह राजद तथा कांग्रेस के जिला स्तरीय पदाधिकारियों तक से मिला करते थे।’’
अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को शिकस्त मिलने की स्थिति में जनता दल(United) के द्वारा नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री (PM) बनाने के लिए बार-बार दबाव बनाये जाने के बारे में पूछे गये एक प्रश्न का सिंह ने जवाब नहीं दिया।
वह इस विवाद में नहीं पड़े कि कांग्रेस (Congress) इस शीर्ष पद के लिए राहुल के अलावा किसी अन्य को स्वीकार करेगी, या नहीं।