कोलकाता: Haryana (हरियाणा) के सूरजकुंड में गुरुवार से शुरू हुई केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की राज्यों के गृह मंत्रियों और संबंधित पदाधिकारियों के साथ दो दिवसीय चिंतन बैठक (Amit Shah meeting ) से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सह राज्य की गृह मंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुईं।
इस बैठक के लिए एक महीने पहले ही केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को इसमें शामिल होने का न्योता दिया था। बैठक में कई राज्यों के गृह मंत्री शामिल हुए।
जिन राज्यों के गृह मंत्री शामिल नहीं हो सके, ऐसे राज्यों से गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक बैठक में शामिल थे, लेकिन पश्चिम बंगाल से गृह सचिव बीपी गोपालिका और पुलिस महानिदेशक मनोज मालवीय भी शामिल नहीं हुए।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि यह त्योहार का समय है
इस बैठक में शामिल होने के लिए बंगाल रकार ने अतिरिक्त महानिदेशक (Home Guard) नीरज कुमार सिंह को अपने प्रतिनिधि के तौर पर भेजा है।
ममता बनर्जी की ओर से बताया गया कि त्योहारी सीजन में व्यस्तता की वजह से वह बैठक में शामिल नहीं हुईं। एक अधिकारी ने बताया कि सिंह के अलावा नई दिल्ली में बंगाल के स्थानीय आयुक्त राम दास मीणा भी बैठक में हिस्सा ले रहे हैं।
इस संबंध में राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि यह त्योहार का समय है। बहुत सारी चीजें निर्धारित की गई हैं।
गुरुवार को भाईदूज होने के अलावा छठ पूजा (Chhath Puja) भी शुरू होने वाले हैं, इसलिए मुख्यमंत्री का राज्य छोड़कर जाना फिलहाल संभव नहीं है। हमारे गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक भी इसी कारण से चिंतन शिविर में शामिल नहीं हो सके।
गृह विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों में ममता के अलावा नीतीश कुमार (बिहार), नवीन पटनायक (ओडिशा) और एम के स्टालिन (तमिलनाडु) हैं।
शुक्रवार को इस बैठक का समापन होना है
इन लोगों ने भी शाह की बैठक से दूरी बनाए रखी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में केवल दो गैर-भाजपा मुख्यमंत्री- पंजाब के भगवंत मान और केरल के पिनराई विजयन शामिल हुए।
अन्य गैर-भाजपा राज्यों का प्रतिनिधित्व या तो कैबिनेट मंत्री या गृह विभाग के प्रभारी राज्यमंत्री ने किया।
शुक्रवार को इस बैठक का समापन होना है। इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) संबोधित करेंगे।
इस बैठक का उद्देश्य विजन 2047 और प्रधानमंत्री मोदी के पंच प्राण के कार्यान्वयन के लिए एक कार्य योजना तैयार करना है।