चाईबासा : जमशेदपुर एवं चक्रधरपुर-जमशेदपुर (Chakradharpur-Jamshedpur) रूट पर एक ही परमिट पर कई गाडि़यां चल रही है।
जारी परमिट के अपेक्षा अनेक बसों का संचालन हो रहा है जो यह प्रमाणित करता है कि परिवहन विभाग (Transport Department) के जिम्मेदार लोग अपनी कृपा के बदले लाभ ले रहे है या फिर अपने फर्ज के प्रति उदासीनता बरत रहे हैं।
उक्त बातें क्षेत्रीय जनविकास परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष दयानंद मिश्रा ने मुख्यमंत्री को लिखे अपनी चिठ्ठी में कही है।
उन्होंने कहा है कि व्यवस्था में आई गिरावट कि वजह से जहां एक ही परिमिट पर एक से अधिक बसें चल रही हैं, वहीं इससे व्यापक रूप से सरकार के राजस्व की क्षति भी हो रही है।
इस ओर सक्षम पदाधिकारी का ध्यान नहीं होने के कारण बस के रोजगार से जुड़े छोटे व्यवसायी काफी आहत हैं।
उन्हें परमिट (Permit) नहीं मिलने से वे कर्ज में फंसकर उजडते जा रहे हैं और परिणामत: बडे व्यवसायियों का वर्चस्व बना रहता है।
ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि एक परमिट पर चल रही तीन-चार गाड़ियों मे से किसी की दुर्घटना हेने की स्थिति मे दुर्घटना मे पीडि़त मृतक व घायलों को बीमा कंपनियां यह कहकर मुआवजा देने से इंकार कर देती है कि दुर्घटना वाले वाहन का उस पथ पर संचालन का परमिट ही नहीं है।
दुर्घटना की स्थिति मे पीडितों को होगा लाभ
इन बातों को मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री, परिवहन सचिव और प्रमंडलीय आयुक्त संज्ञान मे लाते हुए आग्रह करूंगा कि इन उल्लेखित पथों पर संचालित सभी बसों का कागजात जांच करवाएं और जारी राजस्व हानि को अविलंब रोकने का काम करें।
इससे राजस्व मे वृद्धि, दुर्घटना की स्थिति मे पीडितों को लाभ तो होगा ही, समानुपातिक ढंग से बस परिचालन मे छोटे व्यवसायियों (Small Businessmen) के साथ भी न्याय हो जाएगा जो किस्तों पर बस खरीद स्वरोजगार तो शुरु कर लेते हैं, पर सक्षम पदाधिकारियों की उपेक्षात्मक रवैये के कारण परमिट मिल नहीं पाती और कर्ज में डूबकर उजड़ जाते हैं।
दूसरी ओर दस-पंद्रह बसों के मालिक नई-नई गाड़ियों की खरीद कर दूसरी गाडि़यों के परमिट (Permit) पर ही इनके संचालन का काम बखूबी करवा लेते हैं।