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Ukraine-Russia War रोकने के लिए मोदी के साथ अंतरराष्ट्रीय शांति समिति बनाने का मेक्सिको ने रखा प्रस्ताव

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संयुक्त राष्ट्र: रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) के बीच चल रहे युद्ध के बीच शांति प्रयासों की कड़ी में गुरुवार को मेक्सिको ने औपचारिक रूप से रूस के आक्रमण को समाप्त करने के लिए वैश्विक तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के साथ एक शांति समिति के गठन का प्रस्ताव रखा।

मेक्सिको के विदेश मंत्री मार्सेलो एब्रार्ड (Marcelo Ebrard) ने इस प्रस्ताव में कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के मध्यस्थता प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए, मोदी, पोप फ्रांसिस और अन्य नेताओं के साथ Ukraine में बातचीत और शांति के लिए एक पैनल बनाया जाना चाहिए।

एब्रार्ड ने कहा …

एब्रार्ड ने यूक्रेन में सुरक्षा परिषद में कहा कि इसका उद्देश्य बहुत स्पष्ट होगा ताकि बातचीत के लिए नए तंत्र के निर्माण और मध्यस्थता के लिए अतिरिक्त प्रयास किया जाए। इससे विश्वास को बढ़ावा, तनाव को कम करने और स्थायी शांति का मार्ग खोला जा सकता है।

एब्रार्ड ने शुक्रवार को अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में Mexico के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्रेडोर द्वारा किए गए प्रस्ताव को परिषद के सामने प्रस्तुत किया।

उस भाषण में, एब्रार्ड ने कहा कि मोदी और फ्रांसिस के साथ पैनल को यूक्रेन में शत्रुता को तुरंत समाप्त करने और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ सीधी बातचीत शुरू करने की मांग करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद और अंतरराष्ट्रीय समुदाय- (Security Council and the international community) आक्रमण को समाप्त करवाने में नाकाम साबित हुए क्योंकि सुरक्षा परिषद में रूस के पास वीटो है।

मोदी ने पुतिन से कहा कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है

भारत ने यूक्रेन (India Ukraine) पर रूस के आक्रमण पर एक तरह की तटस्थता बनाए रखी है और परिषद व महासभा में मास्को की निंदा करने वाले महत्वपूर्ण मतों से परहेज किया है।

रूस के साथ घनिष्ठ संबंध वाले भारत ने लगातार War को समाप्त करने का आह्वान किया है। पिछले सप्ताह मोदी ने आक्रमण के खिलाफ पुतिन को व्यक्तिगत रूप से एक कड़ा संदेश दिया था।

समरकंद में मुलाकात के दौरान मोदी ने उनसे कहा कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है। एब्रार्ड (Abard) के बाद परिषद में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (Minister S. Jaishankar) ने संघर्ष को समाप्त करने और बातचीत पर लौटने के लिए नई दिल्ली के आह्वान को दोहराया।

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