रांची: झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम (Minister Alamgir Alam) और मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा की मुश्किलें बढ़ गई हैं।दोनों को झारखंड उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी किया है।
ये नोटिस साहिबगंज के टोल टेंडर विवाद मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया गया है।
इतना ही नहीं कोर्ट ने साहिबगंज (Sahibganj) के पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया है कि इस मामले में याचिका दायर करने वाले प्रार्थी शंभू नंदन को पूरी सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए। इसके अलावा मामले में सीबीआई को भी नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के आदेश दिए गए हैं।
अब चार सप्ताह बाद होगी सुनवाई
अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी। झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई।
अदालत ने सुनवाई के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष रखने को कहा है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता (petitioner’s advocate) ने अदालत से सुरक्षा की गुहार लगाई है। जिस पर अदालत ने प्रार्थी के अधिवक्ता के आग्रह को स्वीकार करते हुए साहिबगंज एसपी को यह निर्देश दिया है कि वह प्रार्थी को उचित सुरक्षा दें. ताकि वे सुरक्षित रह सकें।
याचिका के माध्यम से इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है. याचिका के जरिए उन्होंने बताया है कि वर्ष 2019 में साहिबगंज के शंभु भगत ने टोल नाके के निविदा मामले को लेकर मंत्री आलमगीर आलम और सीएम के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा (Representative Pankaj Mishra) पर मारपीट और धमकी देने का आरोप लगाया था। जिसके बाद उन्होंने प्राथमिकी भी दर्ज करवाई थी। उसी मामले पर सुनवाई हुई।