Monkeypox in India: Monkeypox Virus 75 देशों में पांव पसार चुका है। जानवरों से इंसानों में आने वाली यह बीमारी दुनियाभर के 18 हजार से अधिक लोगों को संक्रमित कर चूका है।
भारत में भी चार संक्रमित मरीज पाए गए हैं। हालांकि 31 मई को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने Monkeypox से निपटने के लिए 23 पेज की एक Guidline जारी किया था। जिसमें लक्षण और इससे बचने का उपाय दोनों का वर्णन किया गया है।
Monkeypox के सामान्य लक्षण
1. बुखार आना।
2. स्किन पर चकत्ते पड़ना. ये चेहरे से शुरू होकर हाथ, पैर, हथेलियों और तलवों तक हो सकते हैं।
3. सूजे हुए लिम्फ नोड. यानी शरीर में गांठ होना।
4. सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द या थकावट।
5. गले में खराश और खांसी आना।
अगर कोई व्यक्ति पिछले 21 दिन में किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आया हो, जो Monkeypox से संक्रमित हो और उसमें इनमें से कोई भी एक लक्षण दिख रहा हो तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है।
Monkeypox से परेशानियां
1. आंखों में दर्द या धुंधलापन।
2. सांस लेने में कठिनाई।
3. सीने में दर्द होना।
4. बार-बार बेहोश होना या दौरे पड़ना।
5. पेशाब में कमी।
अगर इनमें से कोई भी परेशानी हो रही हो तो भी तुरंत डॉक्टर की सलाह लेने की जरूरत है।
टेस्ट करवाएं
– Monkeypox का संक्रमण बढ़ने के बाद केंद्र से लेकर राज्य सरकारें तक Alert पर हैं। राज्य सरकारों ने अपने यहां सरकारी अस्पताल में कुछ बेड Monkeypox के संदिग्ध मरीजों और संक्रमितों के इलाज के लिए रिजर्व रखे हैं।
– अगर आप दिल्ली में हैं तो राजधानी में लोक नायक जय प्रकाश (LNJP) अस्पताल में टेस्ट करवा सकते हैं। हालांकि, इन सैम्पल की जांच पुणे स्थित National Institute of Virology में ही की जा रही है। यहां से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पुष्टि होगी कि आप संक्रमित हैं या नहीं।
– इन सबके अलावा विदेश से यात्रा कर आने वालों की Airport और बंदरगाहों पर स्क्रीनिंग की जा रही है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक, अगर किसी भी यात्री में कोई भी लक्षण दिखता है, तो उसे तुरंत Isolate किया जाए।
Monkeypox
– WHO के मुताबिक, Monkeypox वायरस से किसी इंसान के संक्रमित होने का पहला मामला 1970 में आया था। उस समय कॉन्गो में एक 9 महीने का बच्चा इससे संक्रमित हुआ था। बाद में उसकी मौत भी हो गई थी। इसके बाद मंकीपॉक्स का Human to Human Transmission Common हो गया है।
– WHO का कहना है कि ये बीमारी जानवरों से इंसानों में आई है। 1958 में डेनमार्क के कोपेनहेगन में रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में ये वायरस फैला था। इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया है। ये बीमारी अफ्रीकी देशों से बाकी देशों में फैली है।
– अगर कोई व्यक्ति संक्रमित है तो वो दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है। अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति से सीधे संपर्क में आते हैं, उससे यौन संबंध बनाते हैं, तो आपके संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा अगर आप उसके कपड़ों या उसकी चीजों का इस्तेमाल करते हैं तो भी संक्रमित हो सकते हैं।
Corona जैसा ये भी
– जिस तेजी से Monkeypox का वायरस फैल रहा है, उससे अब इस बात की आशंका भी बढ़ती जा रही है कि क्या ये भी कोरोना की तरह फैल जाएगा?
– एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना ज्यादा संक्रामक है और अगर आप किसी संक्रमित के पास खड़े हैं तो उसके खांसने या छींकने से भी वायरस फैल सकता है।
– एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मंकीपॉक्स भी संक्रामक है, लेकिन अगर सही दूरी बनाकर रख रहे हैं और मास्क पहन रहे हैं तो संक्रमित होने से बचा जा सकता है।
दोस्त या करीबी संक्रमित हो
अगर आपका कोई दोस्त, करीबी या रिश्तेदार मंकीपॉक्स से संक्रमित हो जाए तो कई सारी सावधानियां बरतने की जरूरत है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
1. संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट कर दें और मरीज से बाकी लोग भी दूरी बनाकर रखें।
2. संक्रमित व्यक्ति के नाक और मुंह को मास्क से ढंकना चाहिए और उसके घाव को चादर से ढंक देना चाहिए।
3. संक्रमण की पुष्टि के लिए जांच करवाएं. इसके लिए नजदीकी अस्पताल को सूचित करें।
4. संक्रमित की इस्तेमाल की गई चादर, कपड़े या तौलिये जैसी दूषित सामग्री के संपर्क में आने से आपको भी बचना चाहिए।
5. साबुन, पानी या एल्कोहल बेस्ड सैनेटाइजर से हाथों की बार-बार सफाई करते रहें।
इसका इलाज
– विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक,
का अभी कोई ठोस इलाज मौजूद नहीं है। हालांकि, मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के 2 से 4 हफ्ते अपने आप ही ठीक हुआ जा सकता है। इसके अलावा चेचक की वैक्सीन भी मंकीपॉक्स पर 85% तक असरदार साबित हुई है।