नई दिल्ली: साख निर्धारण करने वाली रेटिंग एजेंसी Moody’s Investor Service ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए विकास दर के अनुमान को घटाकर 7.7 फीसदी कर दिया है।
एजेंसी ने इससे पहले मई में भारत की आर्थिक वृद्धि दर यानी सकल घरेलू उत्पाद (GDP ) वृद्धि दर 8.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। इस तरह रेटिंग एजेंसी ने अपने पूर्वानुमान में 1.1 फीसदी की बड़ी कटौती की है।
वित्त वर्ष 2023-24 में और भी कम 5.2 फीसदी रह सकती है
मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने गुरुवार को जारी ग्लोबल मैक्रो आउटलुक (Global Macro Outlook) 2022-23 के अपडेट में कहा है कि देश में बढ़ती ब्याज दरों, आसमान मानसून और दुनिया भर में धीमी आर्थिक विकास के कारण भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को घटाया गया है।
हालांकि, इससे एक दिन पहले बुधवार को भारत सरकार ने जारी आधिकारिक रिपोर्ट में बताया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में GDP वृद्धि दर 13.5 फीसदी रही है।
Rating agency Moody’s ने कहा कि हमारा अनुमान है कि भारत की वास्तविक GDP वृद्धि दर वित्त वर्ष 2021-22 के 8.3 फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2022-23 में 7.7 फीसदी रह सकती है।
एजेंसी के मुताबिक ब्याज दरों में वृद्धि, असमान मानसून और वैश्विक वृद्धि की गति कम होने की वजह से आर्थिक गति क्रमिक आधार पर कम होने की वजह से यह वित्त वर्ष 2023-24 में और भी कम 5.2 फीसदी रह सकती है।
मूडीज ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वृहद वैश्विक परिदृश्य को जारी करते हुए कहा कि भारत का केंद्रीय बैंक इस वर्ष आक्रामक रूख बनाए रख सकता है।
GDP वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत पर कायम रखा
एजेंसी के मुताबिक घरेलू मुद्रास्फीति के दबाव को बढ़ने से रोकने के लिए रिजर्व बैंक सख्त नीतिगत रूख अपना सकता है।
वित्त सचिव TV Somanathan ने एक दिन पहले कहा था कि वित्त वर्ष 2022-23 में देश का सकल घरेलू उत्पाद (GDP ) 7 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर हासिल करने की ओर बढ़ रही है।
इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने में वित्त वर्ष में GDP वृद्धि दर 7.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।
हालांकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने वित्त वर्ष 2022-23 में देश की GDP वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत पर कायम रखा है।