मुंबई: भ्रष्टाचार मामले में मुंबई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को पूर्व मंत्री अनिल देशमुख (Former Minister Anil Deshmukh) और दो अन्य सह-आरोपियों को डिफॉल्ट जमानत देने से इनकार कर दिया।
विशेष CBI अदालत के विशेष न्यायाधीश एस एच ग्वालानी ने देशमुख और उनके पूर्व सहयोगियों कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे की डिफॉल्ट जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया।
देशमुख, कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे की तिकड़ी ने डिफॉल्ट जमानत (Default bail) की मांग करते हुए विशेष अदालत का रुख किया था।
अपनी याचिका में उन्होंने कहा कि सीबीआई ने बिना जांच किए 59 पन्नों का अधूरा आरोपपत्र दायर किया था। वहीं कोर्ट में सीबीआई ने यह कहते हुए जमानत का कड़ा विरोध किया कि आरोपपत्र पूरा है।
21 अप्रैल 2021 को देशमुख भ्रष्टाचार मामले में की थी FIR दर्ज
CBI की वकील ने कहा कि अदालत ने उन्हें सभी दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए अतिरिक्त समय दिया है, जिनका अनुपालन कर आरोप पत्र दायर किया गया।
बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) के आदेश के बाद, CBI ने 21 अप्रैल 2021 को देशमुख और अन्य के खिलाफ पुलिस अधिकारियों की पोस्टिंग और ट्रांसफर से संबंधित भ्रष्टाचार मामले में एफआईआर दर्ज की थी। उनपर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
शिंदे और पलांडे को CBI जांच शुरू होने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2 नवंबर 2021 को तड़के गिरफ्तार किया था।