नई दिल्ली: CBSE ने तीन विषयों में पास करने और एक विषय में फेल कर दिए जाने के बाद अब मूल्यांकन केंद्र के परीक्षाकों की सूची मांग ली है। ऐसे में इस तरह की लापरवाही के बाद अब मूल्यांकन पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं।
बताया जा रहा है कि 10वीं टर्म दो में तीन विषय गणित, अंग्रेजी और विज्ञान में करीब नब्बे प्रतिशत से अधिक अंक देने के बाद एक विषय सामाजिक विज्ञान में पचास प्रतिशत से भी कम अंक दे दिए गए हैं।
मामला उस समय सामने आया जब इसकी दोबारा जांच कराई गई। वहीं, 12वीं टर्म-2 में भौतिकी, अंग्रेजी और गणित में 90 से 95 फीसदी तक अंक मिले हैं, लेकिन रसायन शास्त्रत्त् (Chemistry) में 60 फीसदी अंक है।
बोर्ड फिर से करा रहा कॉपी की जांच
अब बोर्ड द्वारा कॉपी को दोबारा देखकर इसकी जांच की जा रही है कि आखिर तीन विषयों में इतने अच्छे अंक आने के बाद एक विषय में कम अंक कैसे आए।
पटना जोन की बात करें तो दसवीं और 12वीं के पांच हजार के लगभग छात्रों के साथ ऐसा हुआ है। अब उसे सुधारा जा रहा है। मूल्यांकन केंद्रों (Assessment Centers) पर कॉपी जांच के साथ डिजिटल रूप में विषयवार अंकों की इंट्री की गयी है।
मिलान के दौरान इसका पता चला। सीबीएसई पटना के सिटी कोऑडिनेटर राजीव रंजन ने बताया कि अंकों का पूरी तरह से वेरिफिकेशन और डाउट (Verification and doubt) को सही करने के बाद ही रिजल्ट जारी किया जाएगा।
गड़बड़ी की बातें सामने आएंगी तो ऐसे परीक्षक पर कार्रवाई की जाएगी
बोर्ड द्वारा सभी मूल्यांकन केंद्रों से परीक्षकों की सूची भी मांगी गयी है। मूल्यांकन केंद्रों पर किस विषय की कॉपी किस परीक्षक ने जांची।
अगर किसी परीक्षक द्वारा मूल्यांकन में गड़बड़ी की बातें सामने आएंगी तो ऐसे परीक्षक पर कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड ने इसकी जानकारी सभी मूल्यांकन केंद्रों को भी दी है।
परीक्षार्थी (Examinee) को नुकसान नहीं हो, इसके लिए कई स्तर पर अंकों की जांच की जा रही है। बहरहाल, इस तरह की लापरवाही कई देखने को मिलती है।
लेकिन इससे छात्रों का जीवन खराब होने का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में बोर्ड ने संवेदनशीलता (Sensitivity) दिखाते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है।