HomeUncategorizedभारत में जल्द मिल सकती हैं कोरोना के बूस्टर डोज को मंजूरी,...

भारत में जल्द मिल सकती हैं कोरोना के बूस्टर डोज को मंजूरी, ICMR लेगा फैसला

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वैक्सीन की तीसरी यानी बूस्टर डोज को हरी झंडी मिल सकती है।

जल्द ही इस बारे में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) फैसला ले सकता है।

दरअसल रिसर्च में पता चला है कि वैक्सीन लेने वाले 20 फीसदी लोगों में कोरोना से लड़ने की एंडीबॉडी खत्म हो गई है।

बता दें अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में बूस्टर डोज़ की अनुमति पहले ही दे दी गई है।अमेरिका में वैक्सीन की तीसरी डोज 20 सितंबर से दी जाएगी।

रिपोर्ट के मुताबिक भुवनेश्वर में एक रिसर्च यूनिट में काम करने वाले 23 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी नहीं मिली, जबकि इन सभी ने वैक्सीन की दोनों डोज ली थी।इसके बाद माना जा रहा है कि भारत में भी लोगों को जल्द ही बूस्टर डोज़ दी जा सकती है।

भारत में साल 16 जनवरी 2021 से कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की गई थी।

विशेषज्ञ ने सुझाव दिया हैं कि कम एंटीबॉडी वाले लोगों को बूस्टर डोज दी जाएगी।उन्होंने कहा,हालांकि कुछ कोविड संक्रमित लोगों में एंटीबॉडी का स्तर 30,000 से 40,000 है।

जबकि वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले कुछ लोगों में ये 50 से भी नीचे है। अगर एंटीबॉडी का स्तर 60 से 100 है,तब हम कह सकते हैं कि व्यक्ति एंटीबॉडी पॉजिटिव है।

बता दें कि भुवनेश्वर स्थित ये संस्थान भारतीय सोर्स-सीओवी-2 जीनोम कंसोर्टियम का हिस्सा है, जो देशभर में 28 प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क है।

इनका मुख्य तौर पर काम है कोरोना के नए वेरिएंट का पता लगाना। यानी जीनोम सीक्वेंसिंग के द्वारा वायरस का पूरा कच्चा चिट्ठा तैयार करना।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद कई लोगों में एंटीबॉडी का स्तर चार से छह महीने के बाद कम होता देखा गया।

पूर्ण टीकाकरण के बावजूद कम या निगेटिव एंटीबॉडी वाले लोगों के लिए बूस्टर डोज की जरूरत होती है।

मोदी सरकार ने किया साफ, दोनों डोज जरुरी, इसका कड़ाई से पालन होना चाहिए

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने स्‍पष्‍ट किया है कि उन्‍हीं लोगों को पूरी तरह से वैक्‍सीनेटेड माना जाएगा, जो कोरोना वैक्‍सीन की दोनों डोज लगावा चुके।

मोदी सरकार की तरफ साथ ही साफ किया है, कि कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों के लिए भी को‍वैक्सिन की दोनों डोज जरूरी होगी।

हाल ही में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने अपने अध्‍ययन में कहा था कि कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों के लिए कोवैक्सिन की एक ही डोज पर्याप्‍त है।इससे उन्‍हें दोबारा संक्रमण से बचाव मिलेगा, जबकि गैर संक्रमित लोगों को दोनों डोज लगाना होगी।

आईसीएमआर के अध्ययन में सामने आया था कि कोरोना संक्रमित और कोवैक्सिन की एक खुराक लेने वालों ने उन लोगों में समान इम्‍यून प्रतिसाद मिली, जो पहले कोविड-19 संक्रमण से संक्रमित नहीं हुए थे।

उन्होंने टीके की दोनों डोज लगवा ली थीं। यह अध्‍ययन इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित हुआ था।

हालांकि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अभी तक टीकाकरण की डोज में कोई बदलाव नहीं हुआ है और इसके बारे में कोई सूचना जारी नहीं की गई है।

अधिकारी का कहना है कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार लोगों को पूर्ण टीकाकरण पोस्ट-कोविड संक्रमण के लिए दो डोज लेनी चाहिए और चूंकि प्रोटोकॉल में कोई बदलाव नहीं हुआ है, इस कारण कोविन एप में कोई बदलाव नहीं होगा।

अधिकारियों ने कहा कि टीके की दोनों डोज पूर्ण टीकाकरण के लिए पहले से संक्रमित व्यक्तियों के लिए भी जरूरी होगी।

आईसीएमआर के सीनियर डॉक्टर ने बताया कि पूर्ण टीकाकरण के लिए दो डोज जरूरी है, इसका पालन किया जाना चाहिए।

spot_img

Latest articles

असम में बहुविवाह अब अपराध, विधानसभा में पास हुआ ऐतिहासिक बिल, दोषी को 10 साल की सजा

Polygamy is now a crime in Assam : असम विधानसभा ने गुरुवार को बहुविवाह...

YouTuber शादाब जकाती गिरफ्तार, Video मेंअश्लील कंटेंट में इस्तेमाल करने का आरोप

YouTuber Shadab Jakati arrested : मेरठ पुलिस ने YouTuber शादाब जकाती को गिरफ्तार किया...

झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार से 11 दिसंबर तक मांगी जांच रिपोर्ट

Jharkhand High Court : हजारीबाग में करीब 450 एकड़ वन भूमि को रैयती बताकर...

रांची पुलिस टीम पर फायरिंग मामला, आरोपी हरिस अंसारी की जमानत याचिका खारिज

Ranchi Police Firing Case : रांची पुलिस पर फायरिंग के आरोप में जेल में...

खबरें और भी हैं...

YouTuber शादाब जकाती गिरफ्तार, Video मेंअश्लील कंटेंट में इस्तेमाल करने का आरोप

YouTuber Shadab Jakati arrested : मेरठ पुलिस ने YouTuber शादाब जकाती को गिरफ्तार किया...

झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार से 11 दिसंबर तक मांगी जांच रिपोर्ट

Jharkhand High Court : हजारीबाग में करीब 450 एकड़ वन भूमि को रैयती बताकर...