नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय Union Ministry of Education (एमओई) ने समग्र शिक्षा योजना के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें, यूनिफार्म, शिक्षकों के वेतन और सेवाकालीन प्रशिक्षण के लिए सहायता, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) के संचालन, शिक्षण, व्यावसायिक शिक्षा, इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) एवं डिजिटल पहलों को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए 7622 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने ट्विटर पर इसकी घोषणा की।
इस योजना का उद्देश्य शिक्षा के लिए सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के अनुसार प्री-स्कूल से सीनियर सेकेंडरी तक समावेशी और समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने इस बारे में ट्वीट पर जानकारी देते हुए कहा, ” हमारी सरकार की प्राथमिकता एवं सिद्धांत ईज ऑफ़ गवर्नेंस और ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा देना है।
इसके लिए हमनें पिछले वर्ष समग्र शिक्षा योजना के तहत राज्यों के सालाना प्लान को अप्रूव करने के लिए पढ़ो और बढ़ो की मीटिंग करवाने में मदद करने के लिए प्रबंध सिस्टम लांच किया था।”
उन्होंने आगे ट्वीट में कहा, “इसके द्वारा राज्यों को योजनाओं को अपलोड करने और सभी को सिस्टम द्वारा स्वचालित संकलन के साथ दूरस्थ व स्वयं के स्थानों से इसे देखने और मूल्यांकन करने में सक्षम बनाया है, जिससे कम लागत में बेहतर नतीजे प्राप्त हुए। यह फिजिकल मोड में प्राप्त करना बेहद मुश्किल था।,”
डॉ निशंक ने एक और ट्वीट में बताया कि अभी तक 2021-22 के लिए समग्र शिक्षा योजना के तहत किताबें, यूनिफार्म, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के संचालन, शिक्षा, वोकेशनल एजुकेशन, इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी एवं डिजिटल पहलों को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए आज राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 7622 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।