नई दिल्ली: कांग्रेस ने भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के बुलेटिन में प्रकाशित शोध पत्र (Published Research Paper) का हवाला देते हुए शुक्रवार को दावा किया कि केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय करके सिर्फ एक Bank अस्तित्व में रखना चाहती है और ऐसा करना RBI की नजर में आपदा को निमंत्रण देना होगा।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने Tweet किया, ‘‘ RBI की चेतावनी! सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या पहले ही 27 से घटकर 12 हो गई है। सरकार की योजना इसे और कम करके शायद सिर्फ़ एक करने की है।’’
Modi Government हमेशा मनमानी करती है
उन्होंने दावा किया, ‘‘RBI का कहना है, ऐसा करके आपदा को निमंत्रण दिया जा रहा है। लेकिन Modi Government हमेशा मनमानी करती है। नोटबंदी के लिए भी RBI की बात नहीं सुनी गई।’’
उधर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को कहा कि उसके बुलेटिन (Bulletin) में प्रकाशित शोध पत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के धीरे-धीरे विलय के समर्थन की बात उसके विचार नहीं है बल्कि यह लेखकों की अपनी सोच है।
शोध पत्र RBI बुलेटिन के अगस्त अंक में प्रकाशित हुआ है। इसमें कहा गया है, ‘‘सरकार के निजीकरण की ओर धीरे-धीरे बढ़ने से यह सुनिश्चित हो सकता है कि वित्तीय समावेश के सामाजिक उद्देश्य को पूरा करने में एक ‘शून्य’ की स्थिति नहीं बने।’’
लेख में यह भी कहा गया है कि हाल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बड़े स्तर पर विलय (Fusion) से क्षेत्र में मजबूती आई है। इससे मजबूत और प्रतिस्पर्धी बैंक सामने आए हैं।