नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के सभी हाई कोर्ट (HC) से आग्रह किया है कि वो मानव तस्करी को लेकर न्यायिक सेमिनार आयोजित करें।
ये आग्रह इसलिए किया गया है, ताकि न्यायिक अधिकारियों को Human trafficking जैसे अपराध के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके।
देश के सभी HC के रजिस्ट्रार जनरल को भेजे गए एक पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा है, कि मानव तस्करी के शिकार लोगों को अक्सर वेश्यावृत्ति, जबरन विवाह और मानव अंग के व्यापार समेत कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इसलिए इस विषय पर चर्चा की जानी चाहिए। मंत्रालय (Ministry) की तरफ से ये भी कहा गया है कि वो कहीं भी होने वाले इस न्यायिक सेमिनार (Judicial Seminar) के लिए 2 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगा।
मानव तस्कर उनका शोषण करते है
Mome Ministry ने अपने पत्र में कहा है कि आज के दौर में बेहतर अवसरों की तलाश में लोगों को एक जगह से दूसरी जगह ज्यादा जाना पड़ रहा है।
ऐसे में कई बार उन्हें मानव तस्करी का शिकार भी होना पड़ता है। मानव तस्कर उनका शोषण करते हैं।
इसमें वेश्यावृत्ति, जबरन विवाह, अंग व्यापार, भीख मांगना और हथियारों की तस्करी भी शामिल है।
शारीरिक हिंसा, योन शोषण और धमकी मानव तस्करी के शिकार लोगों के कुछ सामान्य लक्षण हैं।
गृहमंत्रालय (Home Ministry ) ने ये भी सुझाव दिए कि सहयोग को मजबूत करना, अंतरराज्यीय संचार माध्यम स्थापित करना और पड़ोसी देशों की मदद लेना मानव तस्करी का मुकाबला करने के प्रभावी तरीके हो सकते हैं। मंत्रालय की तरफ से न्यायिक संवाद करने के लिए दिशा निर्देश भी जारी किए हैं।