नई दिल्ली: भारत ने स्पष्ट किया है कि रूस से तेल खरीदने के मामले में वह किसी के दवाब में नहीं आएगा।
Foreign Ministry के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को साप्ताहिक Press Conference में कहा कि तेल खरीदने का मामला देश की ऊर्जा सुरक्षा के साथ जुड़ा है। विदेश सचिव यह स्पष्ट कर चुके हैं कि इस संबंध में किसी दवाब में आने का सवाल ही नहीं है।
पत्रकार वार्ता में रूस की एक पत्रकार ने पूछा था कि रूस से तेल खरीद पर मूल्य संबंधी प्रतिबंध लगाए जाने के बारे में Bharat का क्या रुख है।
बागची ने कहा कि यह तकनीकी मुद्दे हैं तथा Petroleum Department इस संबंध में फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विदेशी दवाब में आने या न आने की बात इस समय करना अप्रासंगिक है।
मूल्य सीमा को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है: भारत
उल्लेखनीय है कि American नेतृत्व वाले G7 देशों के संगठन ने प्रस्ताव रखा है कि Russia से तेल खरीद के बारे में निश्चित मूल्य सीमा तय की जाए ताकि रूस को मुनाफा न हो।
यह मूल्य सीमा दिसंबर महीने से लागू होनी है। चीन और भारत ऐसी किसी Price Range को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।
Ukraine Conflict के बाद से रूस रियायती दाम पर Bharat को कच्चा तेल उपलब्ध करा रहा है। भारत की Oil कंपनियां बड़ी मात्रा में रूस से तेल की खरीददारी कर रही हैं।
अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भारत पर दवाब बनाया है कि वह Russia से तेल आपूर्ति न बढ़ाये। इन देशों का आरोप है कि Oil की बिक्री से हासिल धनराशि का उपयोग यूक्रेन में युद्ध जारी रखने के लिए किया जा रहा है।