कोलकाता: पश्चिम बंगाल (WB) के बहुचर्चित मवेशी तस्करी मामले में बीरभूम जिले के बाहुबली नेता अणुव्रत मंडल की गिरफ्तारी (Arrest) से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है।
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के इस बेहद खास नेता की CBI के हाथों गिरफ्तारी के तुरंत बाद सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने Press Conference कर साफ कर दिया कि इसमें Party किसी भी तरह से हस्तक्षेप नहीं करेगी और ना ही अणुव्रत का बचाव करेगी।
इसके बाद से एक सवाल राजनीतिक गलियारों में गूंजने लगा है कि क्या CM Mamata Banerjee ने पहले ही मंडल के सर से अपना हाथ खींच लिया था जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी (Arrest) का रास्ता साफ हुआ है?
Mamata Banerjee के बेहद खास नेता रहे
दरअसल मंडल Mamata Banerjee के बेहद खास नेता रहे हैं। यही वजह है कि बीरभूम जिले में Media के कैमरों के सामने उनके तमाम हिंसक गतिविधियों, बयानबाजी, गैरकानूनी कारोबार और पूरे देश में लाल बत्ती पर रोक के बावजूद मंडल की गाड़ी में करीब एक दशक से लगे होने के बावजूद प्रशासन ने उनके खिलाफ आंख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं की थी।
CBI और ED के अधिकारी भी कम से कम 10 बार उन्हें पूछताछ (Inquiry) के लिए समन भेज चुके थे। एक बार वह पूछताछ के लिए हाजिर भी हुए। उनसे देर रात तक पूछताछ की गई लेकिन गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी।
हालांकि हाल में जो घटनाएं घटित हुई हैं उससे इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि Mamata Banerjee ने उनसे हाल फिलहाल में दूरी बना ली थी और पार्टी के नेताओं को भी उनसे दूरी बनाने को कह दिया गया था।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री हैं ममता, मंडल को अस्पताल ने नहीं ली थी भर्ती
दरअसल कोलकाता का राजकीय SSKM Hospital अमूमन अपने इलाज के लिए कम और सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के भ्रष्ट नेताओं को केंद्रीय एजेंसियों से बचाने के लिए भर्ती लेने के मामले में अधिक सुर्खियों में रहता है। अणुव्रत मंडल भी कई बार यहां भर्ती होकर CBI अथवा अन्य केंद्रीय एजेंसियों की पूछताछ से बचते रहे हैं।
वह बीरभूम से सीधे कोलकाता आते थे और SSKM Hospital के वूडबर्न वार्ड में उनके लिए बेड तैयार रहता था। सोमवार को भी CBI ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था और उसी तरह से वह बीरभूम से आए तथा सीधे SSKM के वूडबर्न वार्ड में चले गए लेकिन इस बार उन्हें भर्ती नहीं लिया गया। Hospital ने साफ कर दिया कि उनकी तबीयत ठीक है और घर जा सकते हैं।
Hospital का यह बर्ताव राजनीतिक गलियारों में सुर्खियां बन गया था
खास बात यह है कि ममता बनर्जी राज्य की स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) हैं और इस बार Hospital का यह बर्ताव राजनीतिक गलियारों में सुर्खियां बन गया था।
उसके बाद सोमवार को मंडल अपने बीरभूम स्थित घर लौट गए थे और CBI ने उन्हें दोबारा Notice भेजकर बुधवार को बुलावा भेजा था। इसके बाद मंगलवार को बोलपुर महकमा अस्पताल के Dr. उनकी सेहत की जांच के लिए उनके घर गए थे ताकि इस तरह का माहौल बनाया जा सके कि वह काफी बीमार हैं।
लेकिन वही Dr. बाहर निकले और Media के कैमरों के सामने साफ कर दिया कि प्रशासन के दबाव में वह मंडल की जांच करने आए थे उनकी सेहत बहुत अधिक खराब नहीं है और उन्हें सादा कागज पर बेड रेस्ट के बारे में लिख कर दिया गया है।
दावा किया जा रहा है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश के बगैर ये सारी चीजें मीडिया के सामने आना संभव नहीं ।
तृणमूल नेतृत्व ने बना ली थी दूरी
इसके अलावा जो राजनीतिक नेता अमूमन अणुव्रत के आस पास रोज ही जाते थे वे भी पिछले दो दिनों से उनसे दूरी बनाकर रह रहे थे। अमूमन होना यह चाहिए कि अगर वह बीमार थे तो उन्हें देखने के लिए और अधिक नेताओं को आना चाहिए था।
राज्य के मंत्री चंद्रनाथ सिंह (Minister Chandranath Singh) अणुव्रत के बेहद प्रिय मित्र हैं और अमूमन उनके साथ रहते थे लेकिन पिछले तीन दिनों से वह ना तो उनके घर गए ना ही उनसे फोन पर बात की है।
इस वजह से अणुव्रत मंडल को इस बात का भी एहसास हो गया था कि पार्टी और CM Mamata Banerjee उनसे दूर हो चुकी हैं और अब उन्हें गिरफ्तारी (Arrest) से नहीं बचाया जा सकता।