नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के महोबा से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए दूसरे चरण की शुरुआत की।
इस योजना में प्रवासी मजदूरों को ध्यान में रखते हुए स्थायी पते का प्रमाण देने की छूट दी गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उज्जवला योजना के लाभार्थियों से संवाद करते हुए कहा कि 2014 से पहले लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाने पढ़ते थे।
हमारी सरकार ने इस प्रवृति में बदलाव लाया है। हमारा उद्देश्य गरीब के चूल्हे को हमेशा चलाते रखना है।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2018 में अनुमान लगाया था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष होने वाली 38 लाख असामयिक मृत्यु सीधे तौर पर ठोस ईंधनों के इस्तेमाल से होने वाले घरेलू प्रदूषण से होती हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना महिलाओं को स्वच्छ ऊर्जा और कठिन परिश्रम और धुंए के कारण खराब स्वास्थ्य से छुटकारे का अधिकार प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
उज्जवला योजना महिलाओं के जीवन में एक परिवर्तन लेकर आई है। उन्होंने बताया कि आठ करोड़ परिवारों को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित समय से सात महीने पहले ही हासिल कर लिया गया था।
देश में 2014 में 14.51 करोड़ सक्रिय घरेलू एलपीजी उपभोक्ता थे। आज यह आंकड़ा बढ़कर 29 करोड़ से अधिक हो गया है।
उत्तर प्रदेश में 2,233 डिस्ट्रीब्यूटरशिप चालू की गई थी। राज्य में डेढ़ करोड़ उज्जवला कनेक्शन दिए गए हैं।
प्रदेश में 2016 तक केवल 55 प्रतिशत लोगों के पास एलपीजी कनेक्शन थे, जबकि आज सभी के पास यह कनेक्शन पहुंच चुका है।