भारत

दो बच्चों की नीति पर किसी कानून का समर्थन नहीं करुंगा: ओवैसी

हैदराबाद: अखिल भारतीय मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि केंद्र सरकार दो बच्चों की नीति या नियम बनाती है तो वह ऐसे किसी कानून का समर्थन नहीं करेंगे।

हैदराबाद से सांसद ने यहां पत्रकारों से कहा, “ चीन ने गलती की थी, भारत को यह गलती नहीं करनी चाहिए। मैं इसका (दो बच्चों की नीति) का समर्थन नहीं करूंगा, क्योंकि यह भारत के हित में नहीं है।

मोदी सरकार पहले यह कह चुकी है कि ( दो बच्चों की नीति लाने की उसकी कोई योजना नहीं है)… सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर किया था और उनके स्वास्थ्य मंत्री ने संसद में भी यह कहा था।”

Owaisi से पूछा गया था कि क्या वह जनसंख्या नियंत्रण के वास्ते केंद्र सरकार दो बच्चों को ही पैदा करने को अनिवार्य करने के लिए कानून बनाती है तो क्या वह उसका समर्थन करेंगे?

उन्होंने कहा, “’देश में कुल प्रजनन दर (TFR) घट रही है। 2030 तक, देश की जनसंख्या स्थिर (Population Stable) हो जाएगी।”

मोहन भागवत को बेरोजगारी के मुद्दे पर बोलना चाहिए

ओवैसी ने कहा कि RSS प्रमुख मोहन भागवत को बेरोजगारी के मुद्दे पर बोलना चाहिए।

सांसद ने आरोप लगाया, “नियमित रूप से आबादी पर बात करके आप एक समुदाय के खिलाफ नफरत पैदा कर रहे हैं।’’

धर्मांतरण पर भागवत की कथित टिप्पणी पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा, ‘भारत सभी धर्मों को स्वीकार करता है। लेकिन, RSS चाहता है कि भारत में एक धर्म, एक संस्कृति, एक भाषा हो। लेकिन ऐसा नहीं होगा क्योंकि भारत एक बहु-सांस्कृतिक देश रहा है और ऐसा ही रहेगा।”

उन्होंने कहा, “मोहन भागवत साहब, (Mohan Bhagwat sir) धर्मांतरण से आप इतना डरते क्यों हैं। धर्मांतरण एक पसंद का मामला है। अगर कोई धर्मांतरण करना चाहता है तो आपको क्या परेशानी है।”

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