नई दिल्ली: बिलकिस बानो गैंगरेप केस (Bilkis Bano Gang Rape Case) के दोषियों को रिहा करने का मामला सुप्रीम कोर्ट (SC) पहुंच गया है।
आज वकील अपर्णा भट्ट और कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इस मामले को मेंशन करते हुए कहा कि दोषियों को रिहा करना गैरकानूनी है। इसके बाद SC ने सुनवाई का आश्वासन दिया।
कपिल सिब्बल ने कहा कि बिलकिस बानो Gang Rape मामले के 11 दोषियों को रिहा कर दिया गया। इन्हें 14 लोगों की हत्या का भी दोषी करार दिया गया था।
इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा कि क्या उन्हें SC के आदेश के बाद रिहा किया गया है। सिब्बल ने कहा कि हम SC के आदेश को चुनौती नहीं दे रहे हैं बल्कि उस आदेश को चुनौती दे रहे हैं जिसके आधार पर इन्हें रिहा किया गया।
बिलकीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट (SC) को बताया गया कि जस्टिस अजय रस्तोगी की अध्यक्षता वाली बेंच ने गुजरात सरकार को माफीनामा के कानून को इन दोषियों पर भी लागू करने की अनुमति दी थी।
उल्लेखनीय है कि 27 फरवरी, 2002 को गोधरा कांड के बाद 3 मार्च को अहमदाबाद से 250 KM दूर रंधीकपुर गांव में बिलकिस बानो के परिवार पर भीड़ ने हमला किया था।
इस दौरान बिलकिस की 3 साल की बेटी सहित उसके परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी गई थी। पांच माह की गर्भवती बिलकीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार (Gang Rape) किया गया था।
11 दोषियों ने अपनी सजा के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की
इस घटना की शुरुआती जांच अहमदाबाद में हुई। CBI ने 19 अप्रैल, 2004 को अपनी Charge Sheet दाखिल की। बिलकिस ने SC में याचिका दायर कर यह आशंका जाहिर की कि गवाहों को नुकसान पहुंचाया जा सकता है।
इस पर सुप्रीम कोर्ट (SC) ने 6 अगस्त, 2004 को मामले को मुंबई ट्रांसफर (Mumbai Transfer) कर दिया। Special Court ने 21 जनवरी, 2008 को दिए अपने फैसले में 11 लोगों को दोषी ठहराया।
इन 11 दोषियों ने अपनी सजा के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में अपील की। बॉम्बे हाई कोर्ट ने इनकी सजा बरकरार रखी थी।