मुंबई: महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत कौर राणा ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चुनाव लड़ने का चैलेंज दिया है।
सांसद राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री में यदि दम हो तो वह जनता के बीच जाकर चुनाव लड़ कर दिखाए।
वह राज्य के किसी भी चुनावी क्षेत्र से जनता के सहयोग से मुख्यमंत्री को परास्त कर सकती हैं।
लीलावती अस्पताल से सांसद नवनीत राणा को रविवार सुबह छुट्टी दे दी गई। इसके बाद राणा ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री की तीखी आलोचना की है।
राणा ने कहा कि राज्य सरकार ने एक महिला की आवाज दबाने के काम किया है। शिवसेना सत्ता का गलत इस्तेमाल कर रही है।
राणा ने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि यदि मुख्यमंत्री में हिम्मत हो तो वह चुनाव लड़ें। वह राज्य के किसी भी चुनावी क्षेत्र से मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार हैं।
सांसद ने विश्वास जताया कि बीएमसी चुनाव में राम और हुनमान के भक्त शिवसेना के पापों की लंका डुबो देंगे।
राणा ने कहा कि अगर हनुमान चालीसा पढ़ना और राम का नाम लेना अपराध है और इसकी सजा 14 दिन की जेल है। वह इसके लिए 14 वर्ष तक जेल में रहने के लिए तैयार हैं।
उल्लेखनीय है कि मुंबई पुलिस ने उपनगरीय बांद्रा में मुख्यमंत्री ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा के बाद 23 अप्रैल को राणा दंपति को गिरफ्तार किया था।
उन पर राजद्रोह और वैमनस्व को बढ़ावा देने के आरोप सहित आईपीसी के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
राणा दंपति ने अपनी जमानत याचिका में दावा किया था कि ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने के आह्वान को वैमनस्य या घृणा की भावनाओं को बढ़ावा देने वाला नहीं कहा जा सकता है।
दिल्ली जा कर करेंगी शिकायत
शिवसेना सांसद संजय राऊत ने नवनीत राणा को 20 फिट गहरे गड्ढे में दबाने की धमकी दी थी। इस पर राणा ने राऊत को पोपट (तोता) करार दिया। राणा ने कहा कि राज्य की व्यवस्थाएं राजनीतिक दबाव में है।
नतीजतन वह दिल्ली जा कर राऊत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगी। साथ ही वह प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मुलाकात कर राज्य में चल रही तानाशाही से भी अवगत कराएगी।