भोपाल: अनादि काल से शक्ति की उपासना अनेक रूपों में की जाती रही है। वैसे तो शक्ति की उपासना कभी भी की जा सकती है, लेकिन इसके लिए श्रेष्ठ समय नवरात्रि का माना जाता है। इसी क्रम में शारदीय नवरात्रि गुरुवार से शुरू हो रही है और गुरुवार को ही पूर्ण होगी।
एक तिथि क्षय होने से इस बार नवरात्रि आठ दिनों की रहेगी, जिसके कारण इस बार गुरु का विशेष योग बन रहा है। यह विशेष योग दशकों बाद बना है।
वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष एवं प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युंजय तिवारी ने सोमवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि शारदीय नवरात्रि का पर्व प्रतिवर्ष आश्विन मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक मनाया जाता है।
इस बार शारदीय नवरात्रि का पर्व गुरुवार, 07 अक्टूबर से शुरू हो रहा है, जो 14 अक्टूबर को दुर्गा महानवमी तक मनाया जाएगा। वहीं, 15 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा।
क्या है गुरु का विशेष योग ?
ज्योतिषाचार्य डॉ. तिवारी ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु ज्ञान और बुद्धि के देवता होते हैं और उन्हें सभी देवताओं का गुरु माना जाता है।
इसी कारण उन्हें देवगुरु की उपमा प्राप्त है। इस वर्ष गुरुवार को नवरात्रि का शुरू और समाप्त होना शुभ माना जा रहा है। ऐसा संयोग कई दशकों में एक बार बनता है।
उन्होंने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा बुधवार, 06 अक्टूबर को शाम 4.34 बजे से शुरू होकर गुरुवार दोपहर 1.46 बजे तक रहेगी। इसी दिन सुबह घटस्थापना की जाएगी और मां की आराधना प्रारंभ हो जाएगी।
नवरात्रि क्यों 8 दिन की मनाई जाएगी ?
डॉ. मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि इस बार तृतीया तिथि एवं चतुर्थी एक ही दिन यानी शनिवार, 09 अक्टूबर को पड़ रही है, जिसके कारण चतुर्थी का क्षय हो गया है।
नवरात्रि के नौ दिनों में देवी शक्ति के अलग-अलग स्वरूपों का पूजन किया जाता है। इस बार एक दिन में दो तिथि पड़ने के कारण चंद्रघंटा एवं कुष्मांडा की पूजा एक ही दिन की जाएगी। यही कारण है कि नवरात्रि आठ दिन मनाई जाएगी।