नयी दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) ने रिएल एस्टेट कंपनी सुपरटेक को शुक्रवार को दिवालिया घोषित कर दिया, जिससे करीब 25 हजार घर खरीदारों की मुसीबतें बढ़ गयी हैं।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने ऋण अदायगी न करने पर सुपरटेक के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसे स्वीकार करते हुए कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया गया।
सुपरटेक को बैंकों को कितना ऋण अदा करना है, इसकी अभी पूरी जानकारी नहीं है। जल्द ही आदेश की पूरी प्रति जारी की जायेगी कंपनी के लिए भी यह करारा झटका है क्योंकि उसने अपने ऋण के एकमुश्त निपटान का प्रस्ताव दिया था लेकिन यूनियन बैंक ने यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया।
अब सुपरटेक के पास एक ही विकल्प बचा है कि वह एनसीएलटी के इस निर्णय के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण से अपील करे।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा में सुपरटेक के दो टावरों को गिराने का आदेश दिया था। नोएडा प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि 40 मंजिला ट्वीन टावर 22 मई तक ध्वस्त कर दिए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही यह भी आदेश दिया था कि जिन घर खरीदारों ने ट्विन टावर में फ्लैट बुक कराए थे, उनको उनके पैसे 28 फरवरी तक लौटा दिए जाएं सुपरटेक के वकील एस गणेश ने बताया कि रिफंड की मांग करते हुए 38 आवेदन पेश किए गए हैं।