नई दिल्ली: रेल में सफर करने वाले ज्यादातर लोग यात्रा बीमा खरीदने की परवाह नहीं करते हैं
आपकी जानकारी के लिए बता दें भारतीय रेलवे रेल दुर्घटना, डकैती सहित अन्य अप्रिय घटना के लिए 68 पैसे के प्रीमियम पर 10 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज देती हैं
ज्यादातर लोग इसे अनदेखा कर देते हैं लेकिन इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) अब तक आपको हर बार अपनी वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से टिकट बुक करने पर बीमा प्रदान करता रहा है।
जब आप ट्रेन यात्रा के लिए IRCTC की वेबसाइट पर टिकट बुक करते हैं तो आपको वहां यात्रा बीमा का एक विकल्प मिलेगा।
जहां आप चुन सकते हैं कि आप यात्रा बीमा चाहते हैं या नहीं। इसकी लागत केवल 68 पैसे हैं इसलिए इसे चुनना ही उचित रहता है।
रेल यात्रा बीमा किसी भी ट्रेन दुर्घटना या अन्य अप्रिय घटना से उत्पन्न होने वाली मृत्यु और स्थायी विकलांगता के लिए व्यक्ति को 10 लाख रुपये तक का कवरेज देने का काम करता है।
स्थायी आंशिक विकलांगता के लिए 7।5 लाख रुपये दिए जाते हैं। चोट के लिए अस्पताल में भर्ती होने के खर्च के लिए 2 लाख रुपये का कवरेज मिलता है।
ट्रेन यात्रा के दौरान दुर्घटना, डकैती और अन्य हिंसक जैसे कार्य पॉलिसी में कवर किए जाते हैं।
जो भी यात्री IRCTC की वेबसाइट से ई-टिकट बुक करता है, वो इस रेल यात्रा बीमा को खरीद सकता है।
फ्लाइट टिकट बुकिंग वेबसाइटें भी टिकट खरीदते समय इस प्रकार के यात्रा बीमा की पेशकश करते हैं लेकिन उनकी प्रीमियम रेट अधिक होती है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें रेल यात्रा के दौरान 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोई बीमा नहीं होता है। रेल यात्रा बीमा योजना केवल भारतीय नागरिकों के लिए ही लागू है। विदेशों के नागरिकों को इस योजना का लाभ नहीं मिलता है।
IRCTC ने अपनी बीमा योजना के लिए तीन बीमा कंपनियों Bharti Axa General Insurance, Bajaj Allianz General Insurance And Shriram General Insurance के साथ करार किया है।
आप इन तीन कंपनियों में से किसी भी एक कंपनी से बीमा पॉलिसी खरीद रहे हैं ना कि IRCTC से। इसलिए सभी दावों को बीमा कंपनी के द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए।
जब भी आप टिकट बुक करते हैं और बीमा खरीदते हैं तो बीमाकर्ता द्वारा पॉलिसी दस्तावेज आपकी ई-मेल आईडी पर भेजा जाता है।
एक और बात का ध्यान रखें कि आपको संबंधित बीमा कंपनी की वेबसाइट पर जाकर नामांकन विवरण भरना होगा।
यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो दावे के मामले में कानूनी उत्तराधिकारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।