नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मादक पदार्थ के एक मामले में शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा अग्रिम जमानत के लिए दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई के लिए सहमति जताई।
शीर्ष अदालत ने साथ ही पंजाब सरकार से अगली सुनवाई तक उनके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को कहा है। कोर्ट ने मजीठिया को तबतक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत भी प्रदान की।
मजीठिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि वर्तमान मामला स्पष्ट रूप से राजनीतिक प्रकृति का है और आगामी चुनावों को आगे बढ़ाने के लिए दर्ज किया गया है, जिसका उद्देश्य बिक्रम सिंह मजीठिया को निशाना बनाना है, जो विपक्षी दल के मुख्यधारा के नेता हैं।
उन्हें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी से तीन दिन की अंतरिम सुरक्षा प्रदान की गई थी, जो आज समाप्त हो गई।
पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने तर्क दिया कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में उनकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद मजीठिया छिप गए हैं और अब वह वकील के माध्यम से पेश हो रहे हैं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमण ने दलीलें सुनने के बाद मामले की आगे की सुनवाई 31 जनवरी के लिए स्थगित कर दी।
शिअद प्रमुख सुखबीर बादल के बहनोई मजीठिया अमृतसर के पास मजीठा से विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में हैं।
20 दिसंबर को दर्ज नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत एक मामले में मोहाली की एक अदालत द्वारा उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया था।
राज्य पुलिस की अपराध शाखा द्वारा मोहाली पुलिस स्टेशन में दर्ज 49 पन्नों की प्राथमिकी में शिअद नेता पर एनडीपीएस अधिनियम की धारा 25, 27ए और 29 के तहत मामला दर्ज किया गया है।