नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने चारधाम प्रोजेक्ट मामले में ऑल वेदर रूट के तहत बन रही सड़क को 10 मीटर चौड़ी करने की केंद्र सरकार की मांग को मंजूरी दे दी है।
कोर्ट ने कहा कि हालिया घटनाओं से देश की सीमाओं पर भारतीय सेना के लिए चुनौतियां बढ़ी हैं, इसलिए उसकी जरूरतों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता।
सुनवाई के दौरान रक्षा मंत्रालय का कहना था कि इस सड़क के निर्माण से भारत की फौज को सीमा तक टैंक और हथियारों के साथ पहुंचने में काफी आसानी होगी और पर्वतीय क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
18 जनवरी को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कोर्ट से हाई पावर्ड कमेटी के बहुमत के दृष्टिकोण को स्वीकार करने का आग्रह किया था, जिसने 12 हजार करोड़ के चार धाम राजमार्ग प्रोजेक्ट के लिए 10 मीटर सड़क की चौड़ाई का समर्थन किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 दिसंबर 2020 को हाई पावर्ड कमेटी को निर्देश दिया था कि वो उत्तराखंड में चारधाम प्रोजेक्ट के लिए सड़क की चौड़ाई बढ़ाने को लेकर रक्षा मंत्रालय और सड़क परिवहन मंत्रालय के आवेदनों पर नए सिरे से विचार करे।
कोर्ट ने कमेटी को निर्देश दिया था कि वो सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क के चौड़ीकरण और चारधाम प्रोजेक्ट के मसले पर नए सिरे से विचार कर रिपोर्ट दाखिल करे।
कोर्ट ने 8 सितंबर 2020 को पक्की सड़क की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर और दोनों तरफ डेढ़-डेढ़ मीटर कच्चा फुटपाथ बनाने की इजाजत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 2018 के सर्कुलर के मुताबिक चलें।
चारधाम प्रोजेक्ट में उत्तराखंड के चार शहरों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ को सभी मौसम के अनुकूल सड़कों से जोड़ने की योजना है।
इसके तहत उत्तराखंड में 900 किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद हर मौसम में चार धाम की यात्रा की जा सकेगी।