नई दिल्ली: देश की इकलौती त्रि-सेवा अंडमान और निकोबार कमांड (सीआईएनसीएएन) में शुक्रवार को दो स्वदेशी उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) एमके-III औपचारिक रूप से शामिल किये गए।
सीआईएनसीएएन के कमांडर-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह ने समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आईएनएस उत्क्रोश पर इन हेलीकॉप्टरों को शामिल किया।
बेड़े का हिस्सा बनने पर बहु भूमिका वाले हेलीकॉप्टरों का ‘वाटर सैल्यूट’ करके स्वागत किया गया।
पोर्ट ब्लेयर में आयोजित किये गए समारोह में जैसे ही हेलीकॉप्टर के रोटर ब्लेड ने हवा में घूमना शुरू किया, तो पारंपरिक जल तोप की सलामी के साथ औपचारिक रूप से स्वागत किया गया।
इन हेलीकॉप्टरों को देश की इकलौती त्रि-सेवा अंडमान और निकोबार कमांड में शामिल किया जाना पिछले दो दशकों में इसकी क्षमताओं में निरंतर वृद्धि का प्रतीक है।
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने एएलएच एमके III का निर्माण किया है जो सैन्य विमान के क्षेत्र में भारत की ‘आत्मनिर्भरता’ के लिहाज से महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
अब तक एचएएल ने 300 से अधिक एएलएच तैयार किये हैं जिनका इस्तेमाल सशस्त्र बल कर रहे हैं। एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर के विभिन्न संस्करणों में एमके-III समुद्री भूमिका पर आधारित है।
एएलएच एमके-III अत्याधुनिक सेंसर और हथियार से लैस है, जिससे समुद्र में भारत की क्षमता बढ़ती है। यह हेलीकॉप्टर अपने ग्लास कॉकपिट, शक्ति इंजन, उन्नत समुद्री गश्ती राडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल पेलोड और अंधकार में देखने के उपकरण से लैस है।
इसके समुद्री बेड़े में शामिल होने से भारत के सुदूर पूर्वी समुद्री तट और द्वीप क्षेत्रों को सुरक्षित रखने में कई गुना मदद मिलेगी।
अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर में समुद्री निगरानी, विशेष बलों के लिए समर्थन, चिकित्सा के लिए निकासी आदि के अलावा खोज और बचाव भूमिकाओं सहित बहु-भूमिका क्षमताएं हैं।
इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह ने अंडमान और निकोबार की सुरक्षा को बढ़ावा देने के रूप में एएलएच एमके-III की भूमिका को सराहा। उन्होंने कहा कि यह देश की सुरक्षा में आत्मनिर्भर होने और इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने पर आधारित देश के संकल्प का प्रतीक है।