Stock Market T+1 Settlement : भारत (India) में शेयर बाजार (Share Market) में आज यानी शुक्रवार से बड़ा बदलाव लागू हो गया है। आज से T+1 सेटेलमेंट (T+1 settlement) आज से लागू कर दिया गया है।
आरंभ में इस सिस्टम के दायरा कुछ शेयरों (Shares) तक ही रखा गया है। आगे चलकर बाकी सभी शेयर इसके दायरे में जाएंगे।
यह T+1 settlement सिस्टम शेयर बाजार के दोनों महत्वपूर्ण सूचकांक NSE और BSE के शेयर सौदों पर लागू होगा। अभी तक भारतीय बाजारों में सभी स्टॉक T+2 तक सेटल किए जाते रहे हैं और अब से यह T+1 सेटलमेंट में बदल जाएंगे।
साधारण वर्ड में बात की जाए तो यह कहा जा सकता है कि शेयरों में लेन-देन पहले की तुलना में और तेज किया जाएगा। इसी के साथ शेयरों (Shares) या पैसे का लेन-देन में जल्दी निपटा लिया जाएगा।
इस नई प्रक्रिया के लागू होने के साथ ही भारत (India) को दुनिया के सबसे तेज और पारदर्शी शेयर बाजार देने में अग्रणी देशों में शामिल हो जाएगा।
जानें क्या है T+1 Settlement
अभी तक जो सिस्टम चल रहा था उसे T+2 सेटलमेंट कहते थे यानी किसी निवेशक ने आज किसी शेयर की खरीद की है तो ये शेयर अगले 48 घंटों में उसके डीमैट अकाउंट में दिखाई देते थे।
48 घंटे यानी दो दिन का समय लगता था। यानी दो दिन जिसे T+2 सेटेलमेंट कहा गया है। ऐसा ही शेयरों की बिक्री में भी होता है, जिसमें बिक्री का पैसा 48 घंटों में डीमैट अकाउंट (Demat Account) में दिखाई देता था।
इससे पहले T+3 सेटेलमेंट का चलन था, जिसमें इससे भी ज्यादा समय में निवेशक के डीमैट अकाउंट में शेयर या पैसा ट्रांसफर होता था।
यह बदलाव निवेशक के डीमैट अकाउंट में दिखने लगेगा
अब नए T+1 सेटेलमेंट के आने से शयरों को खरीदने या बेचने पर शेयर हो या राशि एक दिन के भीतर ही निवेशक के डीमैट अकाउंट में दिखने लगेगा।
बता दें कि T+1 सेटेलमेंट को फरवरी 2022 में प्रायोगिक तौर पर लागू किया गया था। बाजार मूल्य के हिसाब से 100 सबसे छोटे शेयर में 25 फरवरी, 2022 को पहली बार T+1 सिस्टम लागू किया था।
फिलहाल चीन में भी यह सिस्टम लागू है
बता दें कि भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) 27 जनवरी से दुनिया का ऐसा पहला शेयर बाजार बन गया जो पूरी तरह से सबसे तेज सेटेलमेंट सिस्टम को लागू कर चुका है।
फिलहाल चीन (China) में भी यह सिस्टम लागू है लेकिन वह आंशिक रूप से इस पर कारोबार करता है। इसी के साथ यह भी मांग हो रही है कि इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund) और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के लिए सेटेलमेंट प्रक्रिया को कम समय में पूरा किया जाए। बता दें कि अभी तक इक्विटी म्यूचुअल फंड में T+3 सेटेलमेंट सिस्टम चल रहा है।