लातेहार: बरवाडीह के चर्चित तिहरे हत्याकांड के दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है।
व्यवहार न्यायालय के प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार त्रिपाठी की अदालत ने गुरुवार को सजा सुनायी।
मनोज कुमार त्रिपा की अदालत ने ट्रायल फेस कर रहे अशोक सिंह, कमलेश पासवान एवं अयूब खान को साक्ष्य के अभाव में बरी किया है।
हत्या का आरोप साबित होने पर सगे भाइयों रविंद्र पासवान एवं जितेंद्र पासवान को भादवि की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं 20 हजार अर्थदंड, अर्थदंड का भुगतान नहीं करने पर दो साल का कठोर कारावास,
भादवि की धारा 364 के तहत 10 साल कारावास एवं 10 हजार जुर्माना और भुगतान नहीं करने पर एक साल का कठोर कारावास तथा भादवि की धारा 201/34 के तहत तीन साल कारावास एवं पांच हजार का जुर्माना और जुर्माना नहीं देने की स्थिति में छह माह का कठोर कारावास की सजा सुनायी गई।
अखिलेश कुमार एवं मुकेश कुमार को भादवि की धारा 201/34 के तहत तीन-तीन साल का कारावास एवं पांच हजार का अर्थदंड और अर्थदंड नहीं देने पर छह माह का कठोर कारावास एवं नसरुद्दीन अंसारी को भादवि की धारा 212/34 के तहत तीन साल का कारावास एवं पांच अर्थदंड और भुगतान नहीं करने पर छह माह कठोर कारावास की सजा सुनायी है।
अशोक सिंह, कमलेश पासवान एवं अयूब खान को साक्ष्य के अभाव में बरी किया है।
उल्लेखनीय है कि 11 जून, 2013 को बरवाडीह निवासी रिझु सिंह एवं डालटनगंज निवासी अरुण कुमार दत्ता तथा रिझु सिंह के पुत्र का अपहरण हो गया।
घटना के कई दिनों के बाद अरुण कुमार दत्ता एवं रिझु सिंह का शव बरवाडीह स्थित हुटार कोलियरी के कुएं से सड़ी गली हालत में मिला, जबकि रिझु सिंह का पुत्र अभी तक गायब है।
वर्ष 2013 का यह सर्वाधिक चर्चित मामला था। इस घटना को लेकर काफी जनाक्रोश फैला था एवं पुलिस को भी आक्रोश का सामना करना पड़ा था।