रांची: मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन ने कहा कि सरकार महिलाओं के माध्यम से राज्य की तस्वीर बदलना चाहती हैं। वर्तमान समय महिलाओं के आगे बढ़ने का बेहतर वक्त है। महिलाएं आगे आएं।
हर माध्यम से महिलाओं को प्रोत्साहन देना सरकार की प्राथमिकताओं में है। सरकार हर महिला के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को संकल्पित है। महिलाओं को समान अधिकार मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम महिला सशक्तीकरण की बात करते हैं लेकिन झारखंड के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो कई क्षेत्रों में महिलाओं को आगे लाने और उन्हें अपने साथ लेकर चलने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है।
क्योंकि, महिलाएं आधी जिम्मेवारी की हिस्सेदार होती हैं। मुख्यमंत्री अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
सरकार हर कदम पर महिलाओं के साथ
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सशक्त करने का कार्य हो रहा है, जिस तरह महिलाएं बढ़ना चाहती हैं। वैसी कार्य योजना बन रही है, जो अपने पैरों पर खड़ा होने की इच्छुक हैं।
सरकार उन्हें हर संभव सहयोग देने को तैयार है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में महिला उत्पीड़न को लेकर बातें आती हैं।
आज भी ऐसी सोच विद्यमान है, जिसे समाप्त करने का दायित्व हम सबका है तभी हम समान नजरों से देख महिलाओं को साथ लेकर बढ़ सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की जरूरत है| उन तक हमें पहुंचना होगा।
महिलाओं की भूमिका हमेशा रही है
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दिन को हम महत्वपूर्ण दिन के रूप में देख सकते हैं। मानव सृजन से अब तक कहीं ना कहीं किसी ना किसी रूप में महिलाओं की भूमिका प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रही है। अलग-अलग समय में विकास की लकीरें खींची गई।
समूह, वर्ग, जाति और धर्म में लोग विभक्त हुए। अपने समाज और संस्कृति के साथ सभी बढ़ते चले गए। कुछ पीछे भी रहे। ऐसे पीछे छूट चुके समाज की महिलाएं और भी पीछे चली गई।
लेकिन पुरुष की तरह हर कुछ महिलाएं भी कर सकती हैं। नीति निर्धारण करने वालों ने अलग-अलग तरीके से नीति का निर्धारण किया।
बावजूद इसके मानव जीवन ने यह महसूस किया कि पुरुष के साथ-साथ महिलाएं को भी साथ चलना चाहिए। तभी विकास की अवधारणा परिलक्षित होगी।
हर क्षेत्र में बढ़ कर हिस्सा ले रहीं हैं महिलाएं
मंत्री, बाल, विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि आज हर क्षेत्र में महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं।
पुरुष के साथ साथ कंधा मिलाकर चलने की जरूरत है। यहां कई योजनाओं का संचालन सफलता पूर्वक किया जा रहा है।
है आवश्यकता अनुरूप योजनाओं को चुन आगे बढ़ने की। तेजस्विनी परियोजना का क्रियान्वयन 17 जिलों में हो रहा है।
12, 800 क्लब में 10.89 लाख युवतियां जुड़ी है। सरकार लगातार महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री और मंत्री जोबा मांझी ने सेतु शिक्षा पाठ्यक्रम का विमोचन किया। सेतु शिक्षा पाठ्यक्रम राज्य के 17 जिला में शुरू हो रहा है।
इसके तहत स्कूल से दूर आठवीं से 10वीं तक की शिक्षा से 14 से 20 वर्ष की बालिकाओं को जोड़ना है। मुख्यमंत्री ने योजनाओं का लाभ देने के लिए ग्रामीण महिलाओं को आधार किट प्रदान किया।
योजनाओं में आधार कार्ड की अनिवार्यता को देखते हुए महिलाओं को किट दिया गया| ताकि लाभुकों का आधार कार्ड बने और उन्हें योजनाओं का लाभ दिया जा सके ।
इस मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, निदेशक समाज कल्याण ए डोडे, विश्व बैंक के प्रतिनिधि, सखी मंडल की महिलाएं एवं अन्य उपस्थित थे।