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देवघर बाबा मंदिर में तीन दिवसीय होली समारोह की तैयारी शुरू, इस दिन होगा हाेलिका दहन

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रांची/देवघर: देवघर के बाबा मंदिर में तीन दिवसीय होली समारोह की तैयारी शुरू हो गयी है। 17 मार्च की देर रात 1:30 बजे हरिहर मिलन होगा और हाेलिका दहन रात के 1:10 बजे किया जायेगा।

इसके लिए भगवान हरि दोलमंच के लिए डोली पर दोपहर तीन बजे मंदिर के पश्चिम द्वार से प्रस्थान करेंगे।

मंदिर में जलार्पण की व्यवस्था ढाई बजे तक ही चलेगी। दोलमंच प्रस्थान होने के आधे घंटे पहले बाबा मंदिर का पट बंद हो जायेगा।

इस्टेट पुरोहित श्रीनाथ पंडित ने बताया कि इस बार दोलमंच के लिए प्रस्थान का समय दोपहर तीन बजे का है। इसलिए 02:30 बजे बाबा मंदिर की साफ-सफाई के बाद पट को बंद कर दिया जायेगा।

दोपहर 02:55 बजे सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा निवास से निकलकर बाबा मंदिर के द्वार पर आयेंगे। इसके बाद बाबा मंदिर का पट खोला जायेगा। गर्भगृह में जाकर महंत बाबा पर गुलाल अर्पित कर होली की शुरुआत करेंगे।

इसके बाद राधा-कृष्ण मंदिर से हरि यानी भगवान विष्णु की मूर्ति बाहर निकाली जायेगी। मूर्ति को डोली पर बिठाकर मंदिर में परिक्रमा कराने के बाद पश्चिम द्वार होते हुए आजाद चौक स्थित दोलमंच ले जाया जायेगा।

इस बीच रास्ते में पड़ने वाले सभी चौक-चौराहों पर रुक कर भगवान को विशेष भोग और मालपुआ का भोग लगाया जायेगा।

इस दौरान शहर के लोग भगवान पर गुलाल अर्पित करेंगे। हाेलिका दहन होने तक दोलमंच पर मंदिर के भंडारियों द्वारा भगवान को झूले पर झुलाया जायेगा। इस बीच शहर के लोग दोलमंच पर जाकर भगवान कर दर्शन कर गुलाल अर्पित करेंगे।

यह है मान्यता

मान्यता के अनुसार, हरिहर मिलन बाबा बैद्यनाथ का स्थापना दिवस से जुड़ा है। परंपरा के अनुसार, फाल्गुन मास पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु के कर कमलों से इस नगरों में शिवलिंग की स्थापना की गयी है।

मान्यता के अनुसार, इसी खास दिन पर हरि यानी विष्णु और हर मतलब महादेव का मिलन हुआ था। मिलन के साथ बाबा की स्थापना दिवस मनाने की परंपरा चली आ रही है।

पूजा कर होलिका दहन का होगा कार्यक्रम

बाबा मंदिर इस्टेट की ओर से रात के करीब पौने एक बजे से होलिका की विशेष पूजा दुर्गा प्रसाद शुरू करेंगे।

इस दौरान विशेष भोग अर्पित करने के बाद तय समय रात के 01.10 बजे होलिका दहन कर भगवान को दोबारा डोली पर बिठाकर मंदिर के पूरब द्वार से मंदिर में लाया जायेगा।

तय समय 01:39 बजे बाबा मंदिर के गर्भगृह में हरि एवं हर का मिलन होगा। इस क्षण को देखने के लिए काफी संख्या में लोग गर्भगृह में मौजूद रहेंगे।

परंपरा के अनुसार, यह मिलन कुछ क्षण के लिए होगा। उसके बाद भगवान को पुन: राधा-कृष्ण मंदिर लाकर शोड्षोपचार विधि से पूजा करने के बाद छप्पन भोग अर्पित किया जायेगा।

इस बार रात 01:29 बजे तक भद्रा योग होने की वजह से मिलने के शुभ मुहूर्त में देर हो रही है।

10 मार्च से होलाष्टक

होली से आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाता है। इस साल 10 मार्च से होलाष्टक लगेगा। होलाष्टक के दिन कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य जैसे विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश आदि नहीं किये जाते हैं। होली से पहले होलिका पूजा को काफी महत्वपूर्ण माना गया है।

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