रांची: झारखंड विधानसभा में गुरुवार को जल संसाधन विभाग में कई आरोप से घिरे सेवानिवृत्त कार्यपालक अभियंता विमल कुमार झा को पाइललाइन प्रोजेक्ट मोनिटरिंग सेल (पीपीएम सेल) का नोडल अधिकारी बनाने का मामला उठा।
विधानसभा के बजट सत्र के नौवें दिन गुरुवार को कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने अल्प सूचित प्रश्न के दौरान यह सवाल उठाया। यादव ने कहा कि ऐसे आरोपित अधिकारी पर तीन आरोप 2015, 2007, जनवरी 2021 पर लगा है।
रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (आरआरडीए) में वे नक्शा घोटाले में नामित अभियुक्त है। लेकिन इन्हें सेवानिवृत्त के बाद पुनः सविंदा पर नियुक्ति की गई है लेकिन सरकार इनपर लगे आरोप को छिपा रही है। ऐसा क्यों।
इसपर जल संसाधन विकास मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि विमल कुमार झा के विरुद्ध एक ही मामले में 15 अप्रैल, 2015 को आरोप लगा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इनकी नियुक्ति सभी पहलुओं को ध्यान में रख कर की है। इसपर सीएम का अनुमोदन प्राप्त है। अगर विधायक को कोई गड़बड़ी दिखती है तो उनसे चर्चा कर लिया जाएगा।
इस पर प्रदीप यादव ने कहा कि हमसे व्यक्तिगत बात करने की कोई जरूरत नहीं है ना ही वे इच्छुक हैं।
इसपर प्रदीप यादव ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर उनकी नियुक्ति की जांच की मांग की, जिसके जवाब में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच कराने की बात कही है।