रांचीः कोरोना वेरिएंट का पता लगाने को लेकर सरकार किसी भी प्रकार की कोताही नहीं चाहती है। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार ने झारखंड समेत सभी राज्यों के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग का लक्ष्य तय कर दिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से झारखंड में फरवरी में 1000 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराने का निर्देश दिया गया है।
इस लक्ष्य को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड की ओर से राज्य के सभी आरटीपीसीआर लेबोरेटरी को जीनोम सिक्वेंसग के लिए सैंपल आईएलएस भुवनेश्वर भेजने का निर्देश दिया गया है।
बता दें कि देश के साथ ही झारखंड में भी कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ गई है, इसे देखते हुए विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए नियमों में छूट भी दी गई है।
सीटी वैल्यू वाले हर मरीज की करवाएं जीनोम सिक्वेंसिंग
इस संबंध में एनएचएम झारखंड की ओर से राज्य के 18 आरटीपीसीआर लैब को जांच में पॉजिटिव पाए गए मरीजों के सैंपल आईएलएस भुवनेश्वर भेजने का निर्देश दिया गया है।
इन लैबों में 8 सरकारी एवं 10 निजी लैब शामिल हैं। सभी लैबोरेटरी को निर्देश दिया गया है कि आरटीपीसीआर जांच में पॉजिटिव पाए गए वैसे मरीज जिनका सीटी वैल्यू 25 तक पाया जाता है सभी की जीनोम सिक्वेंसिंग करायी जाए।
इन सैंपलों को कलेक्ट कर आईसीएमआर द्वारा तय मानदंडों का पालन करते हुए आईएलएस भुवनेश्वर भेजा जाएए ताकि कोरोना के वैरिएंट का पता लगाया जा सके।