रांची: झारखंड विधानसभा बजट सत्र के नौवें दिन गुरुवार को विधायक सरयू राय ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से जानना चाहा कि 2015 में प्रखंड स्तर पर श्रमिक मित्रों की नियुक्ति हुई थी। उसे हटाकर सरकार अब पंचायत स्तर पर नई नियुक्ति करने जा रही है।
श्रमिक मित्रों का दोष यह था कि वे न्यूनतम मजदूरी की मांग कर रहे थे। सरकार को यह संशोधन वापस लेना चाहिए।
इसके जवाब में श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि प्रखंड स्तर पर कार्यरत श्रमिक मित्रों को नहीं हटाया जाएगा। जहां तक उनकी न्यूनतम मजदूरी की बात है तो इसमें न्यूनतम मजदूरी का प्रावधान नहीं है।
श्रमिक मित्रों का काम श्रमिकों का निबंधन कराना है। अभी एक निबंधन पर 15 रुपये दिया जाता है, जिसे 20 रुपये किया जा रहा है।
पंचायत स्तर पर श्रमिक मित्रों की नियुक्ति की जा रही है
मंत्री ने पहले कहा कि यह सच है कि वर्ष 2015 में 526 श्रमिक मित्रों को नियुक्त किया गया था। अब पंचायत स्तर पर श्रमिक मित्रों की नियुक्ति की जा रही है। पूर्व से प्रखंड स्तर पर कार्यरत श्रमिक मित्रों को पंचायत में जगह दी जाएगी।
दूसरी ओर विधानसभा में कोनार डैम का मामला उठा। माले विधायक बिनोद सिंह ने मंत्री के जवाब पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि मंत्री का जवाब ही गलत है।
बगोदर के लोगों को कोनार डैम से पानी नहीं मिल रहा है। अबतक केनाल के टूटे हुए हिस्से की मरम्मत के लिए निविदा नहीं निकली गयी है। यह योजना 1975 की है।
प्राक्कलित राशि कई बार बढ़ाई गई। कोनार नहर में रेलवे का चिचाकी रेलवे लाइन पर क्रोसिंग केनाल नहीं बना है, जबकि खटेया में केनाल टूटने के बाद बगोदर में पानी आपूर्ति रोक दी गयी है।
जवाब में मंत्री ने कहा कि खटेया केनाल टूट गया था, मरम्मत शुरू की जा रही है। 24 फरवरी को इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मंगा लिया गया है।
ग्रामीणों की मांग पर 14 किमी में सिंचाई हो रही है। बहुत जल्द रेलवे क्रॉसिंग से पहले केनाल चालू करेंगे।