रांची/नई दिल्ली: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि सिंचाई सुविधाओं की कमी के कारण हर तीन-चार साल पर राज्य को सुखाड़ का दंश झेलना पड़ता है।
इस वर्ष भी अभी तक सामान्य से 50 प्रतिशत कम वर्षा हुई है एवं 20 प्रतिशत से भी कम जमीन पर धान की रोपनी हो पाई है।
वर्तमान परिस्थिति में झारखंड सुखाड़ (Jharkhand drought) की ओर बढ़ रहा है। सोरेन ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि Jharkhand State के लिए विशेष पैकेज स्वीकृत किया जाए, जिससे कि सुखाड़ से निबटा जा सके। वे रविवार को नई दिल्ली में नीति आयोग के शासी निकाय की बैठक में बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत दो वर्षों से Corona जैसी महामारी के फलस्वरूप झारखंड जैसे पिछड़े राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
Infrastructure को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है
इस कुप्रभाव को न्यूनतम करने के लिए राज्य सरकार अथक प्रयास कर रही है और बेहतर परिणाम भी मिल रहे हैं।
विगत ढाई वर्षों में झारखंड ने आर्थिक, सामाजिक विकास एवं सामाजिक न्याय के क्षेत्र में विभिन्न कदम उठाे हैं।
प्रदेश की Infrastructure को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इस आयाम को और अधिक बल देने के लिए Central government का सहयोग सभी राज्यों, विशेष कर झारखंड जैसे पिछड़े एवं आदिवासी बाहुल्य राज्य को प्राप्त हो।