झारखंड

झारखंड और बिहार में अब शादी में दहेज लेने-देने और DJ बजाने वालों का काज़ी नहीं पढ़ाएंगे निकाह

रांची: राजधानी रांची (Ranchi) में भी अब शादी में दहेज का लेन-देन (Dowry Transaction) करने व DJ और नाच-गाना होने पर ऐसी शादी समारोह में शहर-ए-काजी व आलिम उलेमा (Shahr-e-Qazi and Alim Ulema) अब निकाह नहीं पढ़ाएंगे।

साथ ही शिरकत भी नहीं करेंगे। यह एलान एदारा-ए -शरिया (Edara-e-Sharia) ने किया है। इसको लेकर एदारा- ए-शरिया झारखंड व बिहार की एक बैठक पटना (Patna) में हुई।

झारखंड और बिहार में अब शादी में दहेज लेने-देने और DJ बजाने वालों का काज़ी नहीं पढ़ाएंगे निकाह (Now in Jharkhand and Bihar, Qazi will not teach Nikah to those who give and take dowry in marriage.)

लोगों से शादी में फिजूलखर्ची नहीं करने की अपील

पूर्व राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP) की अध्यक्षता में हुई बैठक में झारखंड के महासचिव मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी व अन्य उलेमा शामिल हुए थे। बैठक में यह तय किया गया कि एदारा-ए-शरिया दहेज प्रथा (Dowry System) रोकने के लिए घर-घर अभियान चलाएगा।

साथ ही हर जुम्मे में मस्जिदों में दहेज प्रथा समाप्त करने को लेकर तकरीर होगी। बताया जाएगा कि इस्लाम (Islam) में दहेज लेना गुनाह के दायरे में आता है। लोगों से शादी में फिजूलखर्ची नहीं करने की अपील की गई।

इसकी जानकारी देेते हुए मौलाना कुतुबुद्दीन रिजनी ने बताया कि बैठक में नशा को लेकर भी चर्चा की गई।

झारखंड और बिहार में अब शादी में दहेज लेने-देने और DJ बजाने वालों का काज़ी नहीं पढ़ाएंगे निकाह (Now in Jharkhand and Bihar, Qazi will not teach Nikah to those who give and take dowry in marriage.)

समाज की नई पीढ़ी नशा की गिरफ्त में

मौजूद लोगों ने कहा कि समाज की नई पीढ़ी नशा की गिरफ्त में आ गई है। इसे रोकने के लिए आलिम, उलेमा और बुद्धिजीवियों को आगे आना होगा। अभियान चलाकर लोगों को नशीले पदार्थ (Narcotis) का सेवन करने से रोकना होगा।

बैठक में मुस्लिम मसलों को लेकर बिहार और झारखंड (Jharkhand) के सभी जिलों में अधिवेशन करने का भी फैसला लिया गया। बैठक में बिहार वा झारखंड के 50 से अधिक उलेमा शामिल हुए।

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