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अब बिहार में बजट का 25 प्रतिशत तक शिक्षा पर होगा खर्च: नीतीश कुमार

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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शुक्रवार को कहा कि वर्तमान में बजट (Bihar Budget ) का 21 प्रतिशत तक हिस्सा पढ़ाई पर खर्च हो रहा है तथा उनकी सरकार 25 प्रतिशत तक शिक्षा पर खर्च करेगी।

यहां भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री दिवंगत मौलाना अबुल कलाम आजाद (Late Maulana Abul Kalam Azad) के जन्मदिवस पर आयोजित ‘शिक्षा दिवस’ कार्यक्रम में कुमार ने प्रदेश में शिक्षा पर सबसे अधिक खर्च करने का दावा करते हुए कहा कि अभी बजट का 21 प्रतिशत तक हिस्सा पढ़ाई पर खर्च हो रहा है तथा उनकी सरकार 25 प्रतिशत तक शिक्षा पर खर्च करेगी।

उन्होंने शिक्षा के विकास के लिये प्रदेश में कई कदमों का हवाला देते हुए कहा कि शिक्षकों की बहाली की गयी तथा महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय (Colleges and Universities) बनाये गये।

2011-12 में बिहार का प्रजनन दर 4.3 था जो घटकर आज 2.9 पर आ गया

उन्होंने कहा,‘‘ हम आप शिक्षकों से कहेंगे कि आपलोग स्कूल जायें और बच्चों को ठीक से पढ़ायें। जो शिक्षक स्कूल में नहीं पढ़ाते हैं उन पर कार्रवाई करें।’’

कुमार ने कहा कि हमारे सत्ता में आने के बाद जब अध्ययन कराया गया तो पता चला कि साढ़े 12 प्रतिशत बच्चे और बच्चियां स्कूल नहीं जाते हैं।

उनका कहना था कि मुस्लिम समुदाय और महादलित समुदाय (Muslim community and Mahadalit community) के बच्चे इसमें सबसे ज्यादा थे, उसके बाद इनके लिए पढ़ने का इंतजाम सरकार ने कराया। उनके अनुसार अब 0.5 प्रतिशत से भी कम बच्चे-बच्चियां स्कूल से बाहर हैं लेकिन हमारा लक्ष्य है कि सभी पढ़ें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सर्वे से जानकारी मिली कि पति-पत्नी में अगर पत्नी मैट्रिक पास है तो देश का प्रजनन दर दो और बिहार का प्रजनन दर भी दो है लेकिन पति-पत्नी में अगर पत्नी इंटर (Intermediate) पास है तो देश का प्रजनन दर 1.7 और बिहार का 1.6 है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2011-12 में बिहार का प्रजनन दर 4.3 था जो घटकर आज 2.9 पर आ गया है। उन्होंने कहा कि लड़कियां पढ़ेंगी तो राज्य का प्रजनन दर 2.9 से घटकर 2 पर आ जायेगा।

अबुल कलाम हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए काम करते रहे : मुख्यमंत्री

कुमार ने कहा कि लड़कियों को शिक्षित करने के लिये पोशाक योजना, साईकिल योजना (Dress Plan, Cycle Plan) समेत कई इंतजाम किये गये हैं, फलस्वरूप बड़ी संख्या में लड़कियां स्कूल जाने लगीं और आज लड़कों के बराबर लड़कियां मैट्रिक की परीक्षा में शामिल हो रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ आजादी में दिवंगत मौलाना अबुल कलाम आजाद जी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण थी । समाज में आपसी एकता को बनाए रखने में उनका योगदान था।

वह हिंदुस्तान और पाकिस्तान बंटवारा (India And Pakistan Partition ) के खिलाफ थे। उस समय जो माहौल पैदा हो रहा था उसमें वे हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए काम करते रहे। शिक्षा के क्षेत्र में जितना काम हुआ है सब उन्हीं की देन है।’’

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