कोलकाता : पश्चिम बंगाल (West Bengal) प्रवासी कामगार संघ ने मंगलवार को ओडिशा के बालासोर जिले में बहानागा रेलवे स्टेशन (Bahanaga Railway Station) के पास शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन (Shalimar-Chennai Coromandel Express Train) के पटरी से उतर जाने की न्यायिक जांच की मांग की है।
संघ के राज्य प्रमुख और माकपा के पूर्व विधायक एस.एम. सादी (SM Saadi) ने कहा, पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक रहते हैं।
जैसा कि से ट्रेन दुर्घटना में हताहत हुए लोगों की पहचान की गई है, ज्यादा संख्या पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों की है।
हमारी मांग है कि मारे गए प्रत्येक प्रवासी श्रमिक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
अक्सर पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों की मौत हो जाती है दूसरे राज्यों में हादसों में
सादी ने कहा, अक्सर पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों की मौत दूसरे राज्यों में हादसों में हो जाती है, लेकिन दुर्भाग्य से उनके परिवार को उचित मुआवजा (Compensation) नहीं मिलता।
हम नहीं चाहते कि इस मामले में भी वही बात दोहराई जाए। इसलिए, हम इस मामले की न्यायिक जांच (Judicial Investigation) की भी मांग कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि बेहतर होता अगर राज्य सरकार हताहतों के परिवारों के लिए बेहतर मुआवजे के पैकेज की घोषणा करती।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मुआवजा और नौकरी की पेशकश सिर्फ वादे नहीं रहें, बल्कि सही लोगों तक राहत पहुंचे भी।
रोजगार सृजन में कमी के कारण यह स्थिति
शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतर जाने के तुरंत बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी प्रवासी श्रमिकों (Migrant Workers) के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल सरकार पर हमला बोला।
उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल से बाहर जाने वाले प्रवासी श्रमिकों की वर्तमान संख्या वर्ष 2011 की तुलना में 9 गुना अधिक है, जब पहली बार पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) शासन सत्ता में आई थी।
राज्य में औद्योगिक निवेश और इसके रोजगार सृजन में कमी के कारण यह स्थिति है।